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सूरजपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में सामने आए बाघ की रहस्यमयी मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जांच एजेंसियों ने इस प्रकरण में पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए भैसामुंडा ग्राम पंचायत की सरपंच सिस्का कुजूर (37 वर्ष ) को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई।
जानकारी अनुसार, बीते शाम गिरफ्तारी के बाद आरोपित महिला के पास से बाघ से जुड़े अवैध अवशेष बरामद किए गए हैं, जिनमें नाखून और बाल शामिल बताए जा रहे हैं। अदालत में पेशी के बाद उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में अंबिकापुर जेल भेज दिया गया है। इस केस में अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ जारी है।
वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें लगातार दबिश देकर मामले की कड़ियां जोड़ने में जुटी हैं। अधिकारियों का कहना है कि, बाघ की मौत के पीछे शामिल हर व्यक्ति तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी गई है। यह घटना गुरु घासीदास–तैमोर–पिंगला टाइगर रिजर्व के घुई वन परिक्षेत्र से जुड़ी है, जहां 15 दिसंबर को एक बाघ मृत अवस्था में मिला था। अगले दिन वन विभाग की निगरानी में पोस्टमॉर्टम कराया गया और नियमानुसार अंतिम संस्कार किया गया।
जांच में यह तथ्य सामने आया कि बाघ की मौत करंट की चपेट में आने से हुई। शव परीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि बाघ के नाखून और दांत गायब थे, जबकि जबड़े और पीठ पर जलने के निशान मौजूद थे—जो अवैध गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स का स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को हुई सुनवाई में डिवीजन बेंच ने राज्य शासन और वन विभाग से पूछा कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वर्तमान में क्या व्यवस्थाएं हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए क्या ठोस योजना बनाई गई है।
अदालत ने इस संबंध में पीसीसीएफ को व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। अब आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासों की संभावना जताई जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय