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जयपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट पेपर लीक से जुडे ईडी मामले में आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह आदेश आरोपी राजूराम उर्फ इरम की द्वितीय जमानत याचिका खारिज करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को अभियोजन साक्ष्य छह माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन आरोपी पक्ष के वकील के पेश नहीं होने के कारण आरोप तय नहीं हो सके। वहीं अन्य सह आरोपियों ने भी दस्तावेजों की प्रतियां आदि उपलब्ध कराने के लिए कई आवेदन दायर किए और दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन पर विधिवत निर्णय पारित किया गया। ऐसे में मुकदमे में देरी के लिए अभियोजन पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
जमानत याचिका में कहा गया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की एसएलपी खारिज करते हुए निचली अदालत के छह माह में अभियोजन साक्ष्य पूरा नहीं करने पर उसे नए सिरे से जमानत अर्जी पेश करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट से समयबद्ध निर्देश प्राप्त होने के बाद भी निचली अदालत ने अभी तक आरोप तय नहीं किए हैं। ऐसे में मूल मामले के साथ ही इस ईडी केस में भी सुनवाई आरंभ नहीं हुई है। मूल मामले में याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा है और ईडी केस में एक साल से जेल में बंद है। जमानत याचिका में कहा गया कि मामले में 30 गवाहों के साथ ही हजारों दस्तावेज पेश हुए हैं। जिनका परीक्षण ईडी कोर्ट को करना है। गवाहों में अधिकतम सरकारी कर्मचारी हैं और उनके प्रभावित होने की आशंका नहीं है। इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए ईडी के अधिवक्ता अक्षय भारद्वाज ने कहा कि याचिकाकर्ता के पूर्व रिकॉर्ड के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने उसकी एसएलपी खारिज की थी। ईडी कोर्ट में आरोपी पक्ष के वकीलों के कारण सुनवाई तय समय में पूरी नहीं हुई है। ऐसे में जमानत याचिका को खारिज किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक