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कोलकाता, 18 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य की ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार 20 साल पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को समाप्त कर नया ग्राम रोजगार विधेयक लाकर राष्ट्रपिता के नाम को हटाने की कोशिश कर रही है।
कोलकाता में आयोजित एक व्यापार और उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कुछ राजनीतिक दल राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति सम्मान दिखाने में विफल रहते हैं तो उनकी सरकार यह जिम्मेदारी निभाएगी। लोकसभा में विकसित भारत ग्रामीण रोजगार और आजीविका मिशन विधेयक पारित होने का उल्लेख करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें इस बात पर शर्म महसूस होती है कि देश अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी भूलने की दिशा में बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार की कर्मश्री योजना का नाम अब महात्मा गांधी के नाम पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मश्री योजना के तहत राज्य सरकार अपने संसाधनों से लाभार्थियों को 75 दिनों तक काम उपलब्ध करा रही है, जबकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत मिलने वाली राशि को रोक रखा है। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि भविष्य में कर्मश्री योजना के अंतर्गत कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाकर 100 करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि केंद्र सरकार धनराशि रोकती है तब भी राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लोगों को रोजगार मिलता रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी के सामने हाथ फैलाने वाली नहीं है और अपने दम पर रोजगार सृजन जारी रखेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर