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कोलकाता, 18 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर उद्योगपतियों को केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए परेशान किया गया, तो राज्य में कारोबार और निवेश नहीं आएगा। उन्होंने साफ कहा कि डर के माहौल में कोई भी उद्योग आगे नहीं बढ़ सकता।
कोलकाता में आयोजित एक व्यापार और उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार एजेंसियों का डर दिखाकर कारोबारियों को असहज किया जा रहा है। इससे वे हमेशा आशंकित रहते हैं। उन्हें लगता है कि कब, क्या हो जाए, कोई भरोसा नहीं। ऐसे माहौल में उद्योग कैसे आगे बढ़ेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि उद्योगपतियों को स्वतंत्र होकर काम करने देना चाहिए। सरकार का काम हर कारोबार में दखल देना नहीं है। उद्योगों को भी आज़ादी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (टैक्स) को लेकर केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब राज्यों के पास अपना अलग कर नहीं है। देश में एक ही कर व्यवस्था है। शुरुआत में इसे देशहित में माना गया था और तत्कालीन वित्त मंत्री अमित मित्रा की सलाह पर इसका समर्थन किया गया था। लेकिन अब केंद्र सरकार राज्य के हिस्से का पैसा भी रोक रही है। ममता बनर्जी ने कहा कि जीएसटी से पश्चिम बंगाल के करीब 20 हजार करोड़ रुपये काट लिए गए हैं। यह पैसा विकास और आर्थिक मजबूती के लिए था। उन्होंने सवाल किया कि इसमें राज्यों का नुकसान कहां और फायदा कहां है।
मुख्यमंत्री ने राज्य की छवि को बदनाम करने की कोशिशों पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जान-बूझकर बंगाल को बदनाम करना चाहते हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि राज्य कितना बदल चुका है। आज बंगाल एक बड़ा लॉजिस्टिक केंद्र बन चुका है। यह दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी राज्यों का प्रवेश द्वार है। इसके आसपास झारखंड, बिहार और ओडिशा जैसे राज्य हैं, जिससे इसकी रणनीतिक अहमियत और बढ़ जाती है।
ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल एक शांतिपूर्ण राज्य है। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नकारात्मक बातें और वीडियो पूरी तरह फर्जी हैं। इनका मकसद राज्य की छवि खराब करना है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि कोई भी ताकत बंगाल को नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर