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मस्कट, 18 दिसंबर (हि.स)। भारत-ओमान ने गुरुवार को मस्कट में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से कपड़ा, चमड़ा, जूते-चप्पल, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल सहित प्रमुख निर्यात क्षेत्रों को पूर्ण टैरिफ उन्मूलन से लाभ होगा, जिससे भारत की विनिर्माण और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता से श्रम-गहन क्षेत्रों को काफी फायदा होगा, रोजगार पैदा होगा और एमएसएमई, कारीगरों और महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को मजबूती मिलेगी। गोयल ने बताया कि समझौते में हमारे किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए भारत के संवेदनशील क्षेत्रों को सुरक्षा दी गई है। यह समझौता सेवाओं के व्यापार के लिए एक व्यापक और दूरदर्शी ढांचा प्रदान करेगा, जिसमें आईटी, व्यावसायिक और पेशेवर सेवाएं, आरएंडडी, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑडियो-विजुअल सेवाएं शामिल हैं।
समझौते की प्रमुख बात यह है कि संविदात्मक सेवा आपूर्तिकर्ताओं के लिए रहने की अनुमत अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर दो साल कर दिया गया है, जिसमें आगे दो साल के विस्तार की संभावना है। वाणिज्य मंत्री ने बताया कि बढ़ी हुई गतिशीलता प्रावधानों के साथ, लेखांकन, कराधान, वास्तुकला, चिकित्सा और संबद्ध सेवाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हमारे कुशल पेशेवरों के लिए अधिक रास्ते खुलेंगे। प्रमुख सेवा क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के लिए 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भारतीय प्रतिभा के लिए उच्च-मूल्य के अवसर खोलेगा।
गोयल ने कहा कि यह एक संतुलित और महत्वाकांक्षी समझौता है, जो द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा, आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करेगा, रोजगार पैदा करेगा और समावेशी और सतत विकास के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी को गहरा करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर