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-ग्राम बगौद के साहिल बैस कर रहे दो एकड़ में खेती
धमतरी, 18 दिसंबर (हि.स.)।धमतरी जिले के ग्राम बगौद के प्रगतिशील किसान साहिल बैस आधुनिक एवं लाभकारी खेती की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने परंपरागत फसलों से आगे बढ़ते हुए अपने खेत में ड्रेगन फ्रूट की खेती अपनाई है। वर्तमान में लगभग दो एकड़ क्षेत्र में ड्रेगन फ्रूट का रोपण किया गया है, जो जिले में नवाचारी बागवानी का सशक्त उदाहरण है।
साहिल बैस बताते हैं कि ड्रेगन फ्रूट की खेती उन्होंने पूरी योजनाबद्ध तरीके से शुरू की। प्रारंभिक वर्ष में संरचना निर्माण, पौध क्रय एवं देखरेख पर निवेश अधिक होने के कारण पिछले वर्ष नो प्राफिट नो लॉस की स्थिति रही, लेकिन पौधों के परिपक्व होने के साथ आने वाले वर्षों में अच्छे मुनाफे की पूरी संभावना है। ड्रेगन फ्रूट कम पानी में उगने वाली फसल है। खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाई गई है, जिससे पानी की बचत के साथ पौधों को आवश्यकतानुसार नमी मिलती है। यह फसल जल संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी है। सामान्यतः सात से 10 दिन में हल्की सिंचाई पर्याप्त रहती है, जिससे सिंचाई लागत कम होती है। ड्रेगन फ्रूट कैक्टस परिवार का पौधा है। इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली रेतीली-दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। यह फसल उष्ण एवं अर्ध-शुष्क जलवायु में अच्छी तरह पनपती है। रोपण के लगभग 12 से 18 माह बाद फल आना शुरू हो जाता है, जबकि तीन से चार वर्षों में पूर्ण उत्पादन क्षमता प्राप्त हो जाती है। एक पौधे से औसतन तीन से पांच किलोग्राम फल प्राप्त किया जा सकता है। बाजार की दृष्टि से ड्रेगन फ्रूट की मांग शहरी एवं स्वास्थ्य-सचेत उपभोक्ताओं में तेजी से बढ़ रही है। यह फल पोषक तत्वों, फाइबर एवं एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण उच्च मूल्य पर बिकता है।
वर्तमान में स्थानीय बाजारों के साथ-साथ थोक व्यापारियों से भी अच्छे दाम मिलने की संभावना रहती है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। रख-रखाव की दृष्टि से यह फसल अपेक्षाकृत कम रोग-कीट प्रभावित होती है। समय-समय पर छंटाई, सहारा व्यवस्था (पिलर सिस्टम) एवं जैविक खाद के उपयोग से उत्पादन को और बेहतर बनाया जा सकता है। बीते दिनों कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने ड्रेगन फ्रूट की खेती का अवलोकन कर किसान साहिल बैस का उत्साहवर्धन किया।
साहिल बैस की यह पहल जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है। यह उदाहरण सिद्ध करता है कि यदि किसान आधुनिक तकनीक, कम पानी वाली फसलें और बाजार की मांग को ध्यान में रखकर खेती करें, तो कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जा सकता है। ड्रेगन फ्रूट जैसी उन्नत बागवानी फसलें भविष्य में किसानों की आर्थिक समृद्धि का मजबूत आधार बन सकती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा