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शिमला, 18 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी शिमला में शादी के नाम पर धोखाधड़ी और महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक युवती ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता छुपाकर भारतीय दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए शिमला में विवाह किया और बाद में ससुराल पक्ष से कथित तौर पर पैसों की मांग और प्रताड़ना शुरू कर दी। मामले को लेकर पुलिस थाना छोटा शिमला में धोखाधड़ी से जुड़ी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
मामले के अनुसार शिकायतकर्ता पक्ष का कहना है कि उनके बेटे की शादी 8 दिसंबर 2023 को शिमला में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। शादी के समय विवाह पंजीकरण के दौरान महिला की ओर से हलफनामा दिया गया। इसमें खुद को मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ बताया गया। आरोप है कि इस दौरान महिला ने यह तथ्य छुपाया कि उसने 30 जून 2023 को ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त कर ली थी और इसके बावजूद विवाह पंजीकरण के लिए भारतीय आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि शादी के कुछ समय बाद ही महिला और उसके परिजनों का व्यवहार बदल गया। आरोप है कि अलग-अलग बहानों से बड़ी रकम की मांग की जाने लगी और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। करीब छह महीने बाद महिला विदेश चली गई। इसके बाद शिकायतकर्ता पक्ष को यह जानकारी मिली कि महिला ने विदेश जाने से पहले खुद को वर्ष 2021-22 से चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से पीड़ित बताया था, जो विवाह के समय छुपाई गई थी। शिकायत में इसे हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12(1)(b) के तहत महत्वपूर्ण तथ्य छुपाने का मामला बताया गया है।
पुलिस के अनुसार ब्रिटिश नागरिक होते हुए भारतीय आधार कार्ड का जानबूझकर इस्तेमाल करना आधार अधिनियम, 2016 का उल्लंघन है और इसे धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा गया है। इस आधार पर पुलिस थाना छोटा शिमला में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के अंतर्गत के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सभी तथ्यों व दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा