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प्रयागराज, 16 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विदेश में रह रही बहू द्वारा भारत में आकर अपने सास-ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व मारपीट का मुकदमा दर्ज कराने के खिलाफ सास-ससुर की याचिका पर बहू को नोटिस जारी की है। हाईकोर्ट ने सास-ससुर की याचिका पर उनकी गिरफ़्तारी पर रोक भी लगा दी है।
अलीगढ़ निवासी प्रिंस नगर कालोनी अंतर्गत थाना बन्नादेवी के रहने वाली सास पूनम गोस्वामी व ससुर केशव देव गोस्वामी ने अपने आईआईटी खगड़पुर से पीएचडी किये हुए बेटे की शादी प्रिया गोस्वामी निवासी सासनी गेट, अलीगढ़ से वर्ष 2021 में किया था। सास ससुर ने बहू द्वारा की गई एफआईआर को हाइकोर्ट में चुनौती दिया है।
याचीगण की ओर से अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति अजय भनोट व गरिमा प्रसाद की अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता प्रिया गोस्वामी याचीगण की बहू है। वर्ष 2021 में उनके बेटे मोहित गोस्वामी की शादी के उपरांत ही प्रिया गोस्वामी अपने पति के साथ अमेरिका चली गई। उसके बाद 2 दिन के लिए राजस्थान घूमने गए फिर कुछ महीनों बाद स्थाई रूप से दोनों लोग इजराइल रहने लगे। पति मोहित गोस्वामी ने पत्नी को इजराइल की यूनिवर्सिटी में अच्छी शिक्षा दिलाने हेतु अपने पैसे से पीएचडी में एडमिशन भी कराया। लेकिन बहू का विदेश में देर रात 2 बजे पार्टी से आने पर पति द्वारा की गई आपत्ति पर पति को तथा उसके परिवार को फ़र्ज़ी मुक़दमे में फंसाने की धमकी दी। फिर भारत में आकर थाना सासनी गेट अलीगढ़ में अपने पति, सास, ससुर व पति के एक अन्य आईआईटी खड़कपुर के दोस्त पीयूष गुप्ता के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न, मारपीट, गाली गलौज का मुकदमा करा दिया।
कोर्ट को बताया गया कि शिकायतकर्ता ने स्वयं इजराइल में मारपीट की घटना का होना बताया है और जिस दिन अलीगढ़ में ससुराल में मारपीट की घटना बताई है उस दिन वह राजस्थान में अपने पति के साथ होटल में रुक कर घूम रहे थे। मोहित गोस्वामी पति ने फोन पर पत्नी के द्वारा धमकी और उत्पीड़न करने की बात अपनी मां को बताई। मां ने सम्बंधित थाने में शिकायत दर्ज किया तो पुलिस ने घटनास्थल को अमेरिका में होना बताते हुए कोई कार्यवाही नहीं की। याचीगण की ओर से कहा गया कि पति और पत्नी दोनों ही वर्तमान समय में विदेश में रह रहे हैं। बहू ने घरेलू हिंसा का भी केस करके विदेश इजराइल में जाकर पति से अलग रह रही है।
शादी के बाद से ही दोनों विदेश में याचीगण से अलग रह रहे हैं। इसमें हमारे द्वारा कोई भी अपराध नहीं किया गया है। जिस पर हाईकोर्ट ने पत्नी को नोटिस जारी कर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है और याचीगण की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे