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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय रेल ने स्वच्छ और सतत ऊर्जा के उपयोग की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। देशभर में अब 2,626 रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं, जिससे न केवल ऊर्जा लागत में कमी आई है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल रेलवे संचालन को भी बढ़ावा मिला है।
रेल मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष में इस पहल को और गति मिली है। नवंबर 2025 तक 318 नए स्टेशनों को सोलर नेटवर्क से जोड़ा गया, जिसके बाद सौर ऊर्जा से संचालित रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 2,626 हो गई है।
भारतीय रेल ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम हासिल करते हुए नवंबर 2025 तक 898 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता कमीशन की है। यह वर्ष 2014 में मात्र 3.68 मेगावाट से लगभग 244 गुना वृद्धि को दर्शाता है। कुल स्थापित सौर क्षमता में से 629 मेगावाट का उपयोग ट्रैक्शन प्रयोजनों के लिए किया जा रहा है, जिससे विद्युत ट्रेनों के संचालन को सीधा समर्थन मिल रहा है। शेष 269 मेगावाट का उपयोग नॉन-ट्रैक्शन जरूरतों जैसे स्टेशन प्रकाश व्यवस्था, कार्यशालाओं, सेवा भवनों और रेलवे आवासों के लिए किया जा रहा है।
स्टेशनों, भवनों और रेलवे भूमि पर लगाए गए सौर संयंत्र भारतीय रेल की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को स्वच्छ और टिकाऊ तरीके से पूरा कर रहे हैं। इससे ऊर्जा सुरक्षा में सुधार के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों को भी बल मिल रहा है।
इन पहलों के माध्यम से भारतीय रेल वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार