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डॉ. अरुण गुप्ता की अध्यक्षता में ऑपरेशन की नवीनतम पद्धतियों पर होगा मंथन
झांसी, 16 दिसंबर (हि.स.)। पूर्णतः स्वस्थ्य नवजात हर एक मां बाप का सपना होता है, किंतु हमारे देश में हर 3 बच्चों में से 1 बच्चा जन्मजात दोष के साथ पैदा होता है, जो हृदय, मस्तिष्क, अंगों और आनुवंशिक समस्याओं को प्रभावित कर सकते हैं। ये नवजात मृत्यु का एक बड़ा कारण भी हैं। नवजात शिशु एवं बच्चों में होने वाली विकृतियों का ऑपरेशन करने के लिए पीडियाट्रिक सर्जन पूर्णतः सक्षम होते हैं। इस पर वृहद मंथन व विमर्श को लेकर झांसी में पीडियाट्रिक लैप्रोस्कोपिक सर्जन एवं पीडियाट्रिक यूरोलॉजिस्ट डॉ अरुण गुप्ता की अध्यक्षता में आगामी 20-21 दिसंबर को ओरछा के एक होटल में इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन उत्तर प्रदेश उत्तराखंड का 8वां वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
सम्मेलन के सचिव का कार्यभार संजय गांधी पीजीआई लखनऊ के पीडियाट्रिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बसंत कुमार संभाल रहे हैं। इस सम्मेलन में देश भर से आए 120 से अधिक विख्यात बच्चों के सर्जन हिस्सा लेंगे। सम्मेलन का आयोजन झांसी अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक एवं बुंदेलखंड सर्जिकल सोसाइटी के सहयोग से किया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में बच्चों में गुर्दे की सूजन (हाइड्रोनफ्रोसिस) का दूरबीन एवं रोबोटिक पद्धति से ऑपरेशन पर विचार विमर्श भी किया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा बच्चों में पेशाब की थैली में खराबी होने पर यूरोडायनेमिक जांच की उपयोगिता पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। इस दौरान कई शोधपत्र भी पढ़े जाएंगे। इस सम्मेलन में एम्स, पीजीआई, केजीएमयू लखनऊ, इंदौर, बैंगलुरु, जयपुर, अमृतसर, श्रीनगर एवं अन्य प्रमुख शहरों के अस्पतालों के बाल रोग सर्जन भाग लेंगे। सम्मेलन के अध्यक्ष झांसी के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ अरुण गुप्ता वर्तमान में इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक सर्जन की उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष भी हैं।
डॉ अरुण गुप्ता वरिष्ठ बाल्य सर्जन अध्यक्ष बाल्य सर्जन संघ, डॉ अभिषेक जैन बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ आलोक अग्रवाल, डॉ नवल खुराना, डॉ संजय चौबे, डॉ ओमशंकर चौरसिया व अवधेश निरंजन समाजसेवी ने मंगलवार को सम्मेलन के संबंध में पत्रकार वार्ता कर उक्त जानकारियां दी।
उल्लेखनीय है कि बाल मूत्र रोग जैसे शिशुओं, बच्चों और किशोरों के मूत्र पथ (किडनी, मूत्राशय, मूत्रमार्ग) और जननांग अंगों से जुड़ी समस्याओं जैसे गुर्दे में सूजन (हाइड्रोनफेसिस) बार-बार पेशाब में संक्रमण, असामान्य लिंग, पेशाब का छिद्र सामने के बजाए नीचे होना (हाइपोस्पीडियस) के ऑपरेशन पीडियाट्रिक सर्जन द्वारा समय रहते करने पर ठीक किए जा सकते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया