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पलवल, 16 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि स्कूल और कॉलेज बच्चों के भविष्य की नींव होते हैं। शिक्षक बच्चों को शिक्षा देने जाते हैं, न कि आपस में लड़ने-झगड़ने के लिए। जब शिक्षक स्वयं संस्कारवान नहीं होंगे तो वे विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार कैसे दे पाएंगे। यह बेहद दुखद है कि शिक्षकों और विद्यार्थियों से जुड़े मामलों की सुनवाई महिला आयोग को करनी पड़ रही है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहले शिक्षकों को स्वयं को संस्कारवान बनाना होगा, तभी वे बच्चों को सही संस्कार देकर उन्हें बेहतर नागरिक बना सकेंगे। चेयरपर्सन रेनू भाटिया मंगलवार को पलवल स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में जिला पलवल से प्राप्त शिकायतों की सुनवाई कर रही थीं।
इस दौरान उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि वे विद्यालयों से संबंधित सभी मामलों की पूरी जानकारी अपने पास रखें तथा स्कूलों में चल रही गतिविधियों और मामलों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। सुनवाई के दौरान महिलाओं ने घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, संपत्ति विवाद और कार्यस्थल पर उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें आयोग के समक्ष रखीं। चेयरपर्सन ने लगभग तीन दर्जन शिकायतों की सुनवाई की, जिनमें से 12 शिकायतों का मौके पर ही निपटारा करवाया गया।
चार मामलों को न्यायालय में ट्रांसफर करने पर सहमति बनी, जबकि पांच मामलों की पुनः सुनवाई के निर्देश दिए गए। अन्य मामलों में संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाई के आदेश दिए गए। रेनू भाटिया ने कहा कि महिला आयोग महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार का अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों को निर्देश दिए कि मामलों में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि पीड़ित महिलाओं को समय पर न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि तलाक या अन्य पारिवारिक मामलों में एफआईआर दर्ज करने से पहले काउंसलिंग को अनिवार्य रूप से अपनाया जाए।
शादी-विवाह पर बोलते हुए चेयरपर्सन ने कहा कि यह कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल या मजाक नहीं है। दंपत्तियों को तलाक जैसे फैसले से पहले संयम और आपसी समझदारी से काम लेना चाहिए। उन्होंने बेटियों से शिक्षा पूरी करने और आत्मनिर्भर बनने की अपील की तथा माता-पिता को बच्चों की अच्छी परवरिश करने पर जोर दिया। इस अवसर पर शिकायतकर्ता, अधिवक्ता, संबंधित अधिकारी और पुलिस कर्मचारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग