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झाबुआ, 16 दिसंबर (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीते दो वर्ष महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा, सम्मान और समग्र विकास के अद्वितीय कालखंड के रूप में दर्ज हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की स्पष्ट मंशा रही है कि हर महिला को सुरक्षित जीवन, हर बालिका को प्रोत्साहन तथा हर बच्चे को बेहतर भविष्य का अधिकार मिले। मुख्यमंत्री के इन्हीं लक्ष्यों को मूर्त रूप देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक पहलें की गईं, जिनसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन की व्यापक लहर उत्पन्न हुई है। निश्चित तौर पर यह सब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व और संवेदनशील दृष्टिकोण का ही परिणाम है कि प्रदेश में महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने मंगलवार को एक वक्तव्य में कहा कि यह बताते हुए मैं गर्व का अनुभव करती हूँ कि मिशन वात्सल्य के माध्यम से एक तरफ जहां प्रदेश में हजारों बच्चों को नए जीवन के अवसर प्रदान किए गए हैं, वहीं स्पॉन्सरशिप योजना ने कमजोर परिस्थितियों में रह रहे बच्चों के लिए सुरक्षा कवच का कार्य किया है, जिसके अंतर्गत प्रति माह 4 हजार रुपये की वित्तीय सहायता ने परिवारों और संस्थाओं दोनों को सशक्त बनाया है। वर्ष 2024-25 में 20,243 बच्चों को इस सहायता का लाभ मिला और वर्ष 2025-26 के लिए 32,896 बच्चों के प्रकरण स्वीकृत किए जा चुके हैं। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 ने चौबीसों घंटे त्वरित सेवा उपलब्ध कराते हुए दो वर्षों में लगभग 48,872 बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
मंत्री ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना सबसे क्रांतिकारी पहलों में से एक रही है। इस योजना का महत्व इस बात से रेखांकित होता है कि कई राज्यों ने इस योजना का अनुसरण किया है। जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक महिलाओं को नियमित रूप से 29 किस्तों के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, और यही नहीं बल्कि तीन बार विशेष सहायता राशि के रूप में प्रति बहन 250 रुपये अतिरिक्त राशि के रूप में प्रदान किए गए हैं, परिणामस्वरूप लाखों परिवारों को सीधा आर्थिक संबल मिला है। योजना के माध्यम से कुल 44,917.92 करोड़ रुपये महिलाओं के खातों में पारदर्शी डिजिटल अंतरण के माध्यम से प्रदान किए गए, जिसने मध्यप्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई दिशा दी है।
केबिनेट मंत्री ने महिला एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण पर व्यक्त अपने विचार में इस बात को रेखांकित किया कि मिशन शक्ति के अंतर्गत वन स्टॉप सेंटरों, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पिंक ड्राइविंग लाइसेंस, जेंडर चैंपियन पहल और सशक्त वाहिनी कार्यक्रमों ने महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तीकरण को और मजबूती प्रदान की है। वर्ष 2024-25 में वन स्टॉप सेंटरों ने 31,763 महिलाओं को सहायता प्रदान की और 2025-26 में अक्टूबर तक 20,332 महिलाओं को त्वरित राहत और परामर्श उपलब्ध कराया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत नवजात बालिकाओं का स्वागत, पूजा-अर्चना और व्यापक पौधारोपण ने समाज में बेटियों के सम्मान की संस्कृति को एक मजबूत और नया आयाम दिया है। पिंक ड्राइविंग लाइसेंस और जेंडर चैंपियंस जैसी पहलें बालिकाओं के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को नई उड़ान दे रही हैं।
जनजागरूकता की दिशा में चलाए गए कार्यक्रमों के बारे में अपने वक्तव्य में मंत्री ने कहा कि राज्य एवं जिला स्तर के हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वुमन ने जनजागरूकता की दृष्टि से अभूतपूर्व कार्य किया है। 100 दिवसीय अभियान, घरेलू हिंसा निरोधक कार्यक्रम, बाल विवाह मुक्ति प्रतिज्ञा, भारत सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या और घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए पारित पी सी पी एन डी टी अधिनियम 1994 (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) जागरूकता अभियान, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और आत्मरक्षा कार्यक्रमों ने समाज में व्यापक संवेदनशीलता विकसित की है। वर्ष 2024-25 में 1.47 लाख से अधिक गतिविधियाँ आयोजित हुईं और लाखों नागरिकों की भागीदारी ने यह सिद्ध किया कि मध्यप्रदेश, महिला सम्मान और सुरक्षा के विषय में समाज को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।
मंत्री ने महिला सुरक्षा को लेकर व्यक्त विचार में दर्शाया कि सखी निवास (वर्किंग वुमन हॉस्टल) और शक्ति सदन ने कार्यरत महिलाओं तथा संरक्षण की आवश्यकता वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास का मजबूत तंत्र निर्मित किया है। नए हॉस्टलों के निर्माण से प्रदेश में महिलाओं के लिए और अधिक सुरक्षित सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। महिला हेल्पलाइन 181 ने दो वर्षों में लगभग 1.7 लाख से अधिक महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान की है, जो शासन की संवेदनशीलता का प्रमाण है।
निर्मला भूरिया ने अपने वक्तव्य में निरुपित किया कि आंगनवाड़ी सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। 12,670 मिनी आंगनवाड़ियों को पूर्ण आंगनवाड़ी में उन्नत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप सेवाओं की गुणवत्ता और महिलाओं के लिए रोजगार दोनों में वृद्धि हुई है। ‘चयन पोर्टल’ की शुरुआत ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया है और हजारों कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को नई नियुक्ति मिली है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मजबूत सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा