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धनबाद, 16 दिसंबर (हि.स.)। धनबाद के केंदुआडीह क्षेत्र में जहरीली गैस रिसाव के 15वें दिन यानी मंगलवार को राहत की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। प्रभावित राजपूत बस्ती में पुराना जीएम बंगला के पास बोरहोल की प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही भूमिगत गैस को नियंत्रित करने की तकनीकी कार्रवाई भी आरंभ हो चुकी है।
प्रशासन के अनुसार, कोलकाता से लगभग 14 हजार लीटर लिक्विड नाइट्रोजन मंगाई गई है, जिसे बोरहोल के जरिए भूमिगत गैस पर काबू पाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रिलिंग का कार्य एमईसीएल द्वारा किया जा रहा है, जबकि नाइट्रोजन फिलिंग और तकनीकी सहयोग धनसार माइंस रेस्क्यू स्टेशन के विशेषज्ञ उपलब्ध करा रहे हैं।
कार्य शुरू होने से पहले जिला आपदा प्रबंधन की ओर से अनाउंसमेंट कराकर लोगों से बोरहोल क्षेत्र से दूर रहने की अपील की गई। सुरक्षा के मद्देनज़र पूरे इलाके को अलर्ट मोड पर रखा गया है। मौके पर डीजीएमएस और सिंफर के वैज्ञानिकों की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
इस अभियान में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, सीएमपीडीआई और सिंफर सहित कई वैज्ञानिक संस्थानों की विशेषज्ञ टीमें शामिल हैं। मौके पर मौजूद विशेषज्ञों आईआईटी (आईएसएम) के प्रो. अंकुश और पीएमआरसी पूर्व चीफ साइंटिस्ट नागेश्वर सहाय का कहना है कि नाइट्रोजन गैस डालकर कार्बन मोनोऑक्साइड के दबाव को कम कर गैस रिसाव को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
वहीं स्थानीय लोगों ने इसे 15 दिनों से चल रहे जन आंदोलन की सफलता बताया है। प्रभावित परिवारों को उम्मीद है कि इस तकनीकी प्रक्रिया से जल्द ही जहरीली गैस पर पूरी तरह काबू पा लिया जाएगा और हालात सामान्य होंगे। फिलहाल प्रशासन और विशेषज्ञ टीमें स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार झा