पृथक कामतापुर की मांग को लेकर रेल रोकने की कोशिश
जलपाईगुड़ी, 16 दिसंबर (हि.स.)। वर्ष 2026 के चुनाव से पहले राज्य में अलगाववादी आंदोलन की शुभ विवाह है तेज होने लगी है। अलग कामतापुर राज्य की मांग को लेकर मंगलवार को उत्तर बंगाल और असम के कुछ हिस्सों में रेल रोकने की कोशिश की गई। हालांकि प्रशासन की
विरोध प्रदर्शन की तस्वीर


जलपाईगुड़ी, 16 दिसंबर (हि.स.)। वर्ष 2026 के चुनाव से पहले राज्य में अलगाववादी आंदोलन की शुभ विवाह है तेज होने लगी है। अलग कामतापुर राज्य की मांग को लेकर मंगलवार को उत्तर बंगाल और असम के कुछ हिस्सों में रेल रोकने की कोशिश की गई। हालांकि प्रशासन की तत्परता से रेल यातायात पर आंदोलन का बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है।

कामतापुर स्टेट डिमांड कमेटी की ओर से सुबह जलपाईगुड़ी के धूपगुड़ी में रेल की पटरी को अवरुद्ध किया गया। झंडे, बैनर और नारों के साथ कार्यक्रम में कई लोग शामिल हुए। हालांकि, उनका यह कार्यक्रम शुरू होते ही मयनागुड़ी थाना और रेल पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर उन्हें हटा दिया। अब तक रेल यातायात में कोई खास बाधा नहीं आई है।

उत्तर बंगाल में बीच-बीच में बृहत्तर कूचबिहार और कामतापुर अलग राज्य की मांग को लेकर अलगाववादियों के मुट्ठी भर लोग सुर चढ़ाते हैं। गुमनामी से केएलओ यानी कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख जीवन सिंह बीच-बीच में राजनीतिक संदेश के पर्दे में चेतावनी देते रहते हैं। खासकर चुनाव के समय मौके के मुताबिक अलगाववाद को भड़काया जाता है। इस समय राज्य में एसआईआर चल रहा है। मंगलवार को ही मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होगी। अगले साल फरवरी में अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। और ऐसे ही महत्वपूर्ण समय पर मसौदा सूची प्रकाशन के दिन अलग कामतापुर की मांग को लेकर उत्तर बंगाल में रेल रोको कार्यक्रम का आह्वान करना पूरी तरह से राजनीति का हिस्सा है, यह समझने में किसी को देर नहीं लगी।

मंगलवार को मयनागुड़ी, उत्तर दिनाजपुर और असम के तीन स्थानों पर रेल रोको कार्यक्रम में जुटे प्रदर्शनकारियों ने कई मांगें उठाईं, जिनमें अलग कामतापुर राज्य, अलग भाषा की मान्यता और केएलओ प्रमुख जीवन सिंह के साथ शीघ्र शांति वार्ता शामिल है। संगठन के महासचिव देवेंद्रनाथ राय ने कहा, हम लंबे समय से अलग राज्य, अलग भाषा की मांग कर रहे हैं। कामतापुर के लिए बड़ा आंदोलन हुआ है। हमारे प्रमुख जीवन सिंह लंबे समय से चाहते हैं कि भारत सरकार के साथ बैठकर शांति समझौता हो। लेकिन सरकार ढील दे रही है। हम चाहते हैं कि यह समझौता जल्द हो। उसे तेज करने की मांग को लेकर हम आज कार्यक्रम कर रहे हैं। हमारी मांग वैध है, इसे मानने तक आंदोलन जारी रहेगा।

हालांकि, उनके जमावड़े की खबर पाकर मयनागुड़ी थाने की पुलिस और रेल पुलिस एक साथ घटनास्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को हटा दिया। रेल अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से बात की। फिलहाल इस रूट पर रेल यातायात सामान्य है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय