Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

सूरजपुर, 16 दिसंबर (हि.स.)। सूरजपुर जिले के जरही नायब तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां एक लिपिक को रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने आज मंगलवार काे रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। कार्रवाई सरगुजा एसीबी की टीम ने की, जिसने 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते समय आरोपित को पकड़ा।
क्षतिपूर्ति की फाइल बनी वसूली का जरिया
कोटेया गांव निवासी रमेश राजवाड़े के मकान को बारिश के दौरान आए आंधी-तूफान में भारी नुकसान हुआ था। पटवारी द्वारा किए गए आकलन के बाद क्षतिपूर्ति के लिए प्रकरण तैयार कर नायब तहसील कार्यालय भेजा गया था। नियमानुसार मकान क्षति के लिए 80 हजार रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई थी।
इसी मुआवजा राशि को जारी कराने के एवज में नायब तहसील कार्यालय में कार्यरत बाबू तोखन सिंह सोढ़ी ने पीड़ित से आधी रकम यानी 40 हजार रुपये की मांग कर दी। मजबूरी में रमेश ने पहले 15 हजार रुपये दे दिए, लेकिन इसके बावजूद फाइल आगे नहीं बढ़ाई गई और शेष 25 हजार रुपये की मांग की जाने लगी।
एसीबी ने रची जाल, रिश्वत लेते ही दबोचा
लगातार दबाव से परेशान होकर रमेश ने सरगुजा एसीबी से शिकायत की। शिकायत की पुष्टि के बाद टीआई शरद सिंह के नेतृत्व में एसीबी टीम ने जाल बिछाया। केमिकल लगे नोट रमेश को सौंपे गए और उसे तय योजना के अनुसार तहसील कार्यालय भेजा गया।
जैसे ही रमेश ने रिश्वत की रकम बाबू को दी और उसने पैसे जेब में रखे, उसी समय एसीबी टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और 25 हजार रुपये के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पहले प्यून, फिर कार्यालय में अटैच
जानकारी के अनुसार, तोखन सिंह सोढ़ी पहले जरही हाई स्कूल में प्यून के पद पर पदस्थ था, लेकिन वह लंबे समय से लिपिकीय कार्य कर रहा था। पूर्व तहसीलदार द्वारा उसे नायब तहसील कार्यालय में अटैच किया गया था। उसके नियमित पदोन्नति की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज
एसीबी ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और यह भी खंगाला जा रहा है कि इस तरह की गतिविधियों में कोई अन्य कर्मचारी भी शामिल था या नहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय