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श्रीनगर, 16 दिसंबर (हि.स.)। काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने मंगलवार को सामाजिक सक्रियता की आड़ में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की। घाटी के कई जिलों में समन्वित तलाशी अभियान चलाते हुए 12 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
यह कार्रवाई श्रीनगर स्थित एनआईए अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायाधीश न्यायालय के तलाशी वारंट के माध्यम से उचित प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद की गई। यह मामला विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू हुआ है, जिसमें बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ व्यक्ति जनसंचार माध्यमों, सोशल मीडिया, मानवाधिकार संगठनों, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण से जुड़े मंचों का इस्तेमाल भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए गंभीर रूप से हानिकारक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे थे। गोपनीय जांच में आगे पता चला कि उनके अलगाववादी समूहों और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से संदिग्ध संबंध थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि इनमें से कुछ व्यक्ति कथित तौर पर एन्क्रिप्टेड संचार एप्लिकेशन का उपयोग करके पाकिस्तान स्थित आतंकी संचालकों के संपर्क में थे। उन पर झूठी बातें फैलाने, आतंकवादियों और आतंकवाद का महिमामंडन करने, आसानी से प्रभावित होने वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक व्यवस्था और शांति को व्यवस्थित रूप से बाधित करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल होने का संदेह है।
सीआईके ने एक बयान में बताया है कि इन सूचनाओं के आधार पर श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग, पुलवामा, कुपवारा, बडगाम और शोपियां में 12 स्थानों की पहचान कर तलाशी ली गई। इस अभियान के दौरान पूछताछ के लिए 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक डिजिटल सामग्री जब्त की गई, जिसमें 10 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और 14 सिम कार्ड शामिल हैं, जिनकी अब विस्तृत फोरेंसिक जांच की जा रही है। जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्यों से साजिश की गहरी परतों का खुलासा होने की उम्मीद है। -----------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह