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कोलकाता, 15 दिसंबर (हि.स.)।
पौष महीने की दहलीज पर पहुंच कर भी पश्चिम बंगाल में ठंड अपनी रफ्तार नहीं पड़ सकी है। आम तौर पर इस समय ठंड तेज हो जाती है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। सोमवार को कोलकाता में ठंड का असर काफी कमजोर नजर आया। रविवार दोपहर में मौसम ऐसा लग रहा था जैसे दिसंबर नहीं, बल्कि फरवरी का आखिरी हफ्ता हो।
मौसम विभाग ने बताया है कि सुबह के समय ठंड जरूर पड़ रही है लेकिन धूप निकलते ही गर्मी बढ़ रही है, जिसके कारण मौसम में बदलाव हो रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा से आए मौसम के असर के कारण ठंडी और सूखी हवा का बहाव फिलहाल कमजोर पड़ गया है। इसकी वजह से उत्तर भारत से आने वाली ठंडक दक्षिण और पूर्वी हिस्सों तक नहीं पहुंच पा रही है। दूसरी ओर, दक्षिण-पूर्व दिशा से नमी वाली हवा आ रही है, जिससे दिन के समय गर्मी बढ़ रही है और रात का तापमान भी नीचे नहीं जा पा रहा।
दिसंबर के पहले 14 दिनों की बात करें तो कोलकाता में न्यूनतम तापमान केवल दो दिन ही 14 डिग्री के आसपास पहुंच सका। आठ दिनों तक रात का तापमान 15 डिग्री के आसपास बना रहा। तीन दिनों में न्यूनतम तापमान 17 से 18 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। इस महीने एक दिन ऐसा भी रहा जब दिन का तापमान 20 डिग्री तक पहुंच गया।
शुक्रवार को शहर का न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री दर्ज किया गया था, जिससे ठंड बढ़ने की उम्मीद जगी थी। लेकिन उसके बाद मौसम ने करवट ली और ठंड का असर अचानक कमजोर हो गया। रविवार दोपहर तक शहर में साफ तौर पर गर्मी जैसा माहौल बन गया।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रह सकती है। जब तक उत्तर-पश्चिम से आए मौसम का असर पूरी तरह खत्म नहीं होता, तब तक ठंडी हवा का बहाव सामान्य नहीं होगा। इसके बाद ही दक्षिण बंगाल में ठंड दोबारा बढ़ने की संभावना है।
उत्तर बंगाल के जिलों में हालात थोड़े अलग हैं। दार्जिलिंग को छोड़ दें तो अलीपुरद्वार में रात का तापमान 9.1 डिग्री और कूचबिहार में नौ डिग्री तक पहुंच गया था। हालांकि वहां भी दिन चढ़ने के साथ तापमान तेजी से बढ़ रहा है।
कुल मिलाकर, दिसंबर के बीच में पहुंचने के बावजूद फिलहाल ठंड ने कदम पीछे खींच लिए हैं। मौसम साफ होने और उत्तर से ठंडी हवा चलने के बाद ही शहर में एक बार फिर ठंड का असर महसूस होने की उम्मीद है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर