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वाराणसी,15 दिसंबर (हि.स. )। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में सोमवार शाम ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पहुँच रहे हैं। लखनऊ से काशी आने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का संत,बटुक और भक्त पुष्पवर्षा व जयघोष के मध्य भव्य स्वागत करेंगे। यह जानकारी श्रीविद्यामठ, केदारघाट के प्रवक्ता संजय पांडेय ने दी। उन्होंने बताया कि शुक्ल यजुर्वेद माध्यन्दिनी घनपाठ ग्रंथ का विमोचन मंगलवार (16 दिसंबर) की शाम 5.30 बजे श्रीविद्यामठ में होने जा रहा है।
यह आयोजन विद्याश्री धर्मार्थ न्यास काशी के तत्वावधान में होगा। इस अवसर पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती की भी विशिष्ट मौजूदगी रहेगी।
शंकराचार्य के हाथों ग्रंथ का विमोचन संपन्न होगा । कार्यक्रम का मुख्य विषय “शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिनी शाखा” से संबंधित वैदिक परंपरा, अनुसंधान एवं संरक्षण है। इस ग्रंथ के संपादक एवं शोधकर्ता डॉ. मणिकुमार झा हैं। इसको प्रकाशित प्रकाशन सेवालाय,ज्योतिर्मठ बद्रीकाश्रम हिमालय ने किया है। यह ग्रन्थ प्रथम बार प्रकाशित हुआ है। अब तक यह घनपाठ श्रुत परम्परा से मौखिक रूप में संरक्षित था। यह ग्रंथ वैदिक अध्ययन,शोधार्थियों एवं सनातन परंपरा से जुड़े विद्वानों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। लोकार्पण समारोह में शिक्षाविद प्रो. हृदय रंजन शर्मा,प्रो. श्रीकिशोर मिश्र,प्रो.राममूर्ति चतुर्वेदी,प्रो.पतंजलि मिश्र,प्रो.महेन्द्र पाण्डेय,प्रो.सुनील कात्यायन एवं प्रो.कमलेश झा उपस्थित रहेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी