Enter your Email Address to subscribe to our newsletters


मुंबई 14 दिसंबर ( हि.स.) । ठाणे रीजनल मेंटल हॉस्पिटल के रिकंस्ट्रक्शन के बैकग्राउंड में, एनवायरनमेंटलिस्ट डॉ. प्रशांत रवींद्र सिनकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से एक इमोशनल रिक्वेस्ट की है कि ब्रिटिश विरासत की इमारतों, मेडिकल सुपरिटेंडेंट के ऐतिहासिक ऑफिस और वहां मिली पुरानी मूर्तियों को बचाया जाना चाहिए।
यह मानते हुए कि ठाणे शहर तेज़ी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, अच्छी हेल्थ सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ज़रूरी है, डॉ. सिनकर ने साइकेट्रिक हॉस्पिटल को अपग्रेड करने के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान ठाणे के लोगों की भावनाओं की ओर दिलाया है कि इस इंस्टीट्यूशन की विरासत, जिसका 125 साल का इतिहास है, को परिवर्तन के नाम पर खत्म नहीं किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जैसा कि बयान में बताया गया है, साइकेट्रिक हॉस्पिटल के कैंपस में ब्रिटिश-काल के स्ट्रक्चर, दीवारों पर नक्काशी, साधु डांसर्स की पेंटिंग और रिकंस्ट्रक्शन के दौरान मिली पुरानी मूर्तियां ठाणे की कल्चरल याद का एक अहम हिस्सा हैं। खास तौर पर, ब्रिटिश-काल का मेडिकल सुपरिटेंडेंट ऑफिस बहुत हिस्टोरिकल, एडमिनिस्ट्रेटिव और कल्चरल महत्व का है और इसे एक हेरिटेज स्ट्रक्चर के तौर पर बचाकर रखना चाहिए, डॉ. सिंकर ने इस पर पक्का स्टैंड लिया है कि इसे बचाकर रखा जाना चाहिए।
बयान में कहा गया है, अगर नए वेल इक्विप्ड हॉस्पिटल के बनने के दौरान कम से कम एक या दो पुराने स्ट्रक्चर को बचाकर रखा जाता है, तो आने वाली पीढ़ियां खुद अनुभव कर पाएंगी कि 'मेंटल हॉस्पिटल पहले कैसे हुआ करते थे'। यह फैसला न सिर्फ अतीत को बचाकर रखेगा बल्कि भविष्य के लिए भी दूर की सोच वाला होगा।
यह भी मांग की गई है कि ब्रिटिश-काल की मिली पुरानी मूर्तियों और मूर्तियों की आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट्स से तुरंत जांच करवाई जाए ताकि उनका हिस्टोरिकल महत्व पता चल सके और उन्हें ज़रूरी सुरक्षा दी जा सके। डॉ. सिनकर को भरोसा है कि मुख्यमंत्री की सेंसिटिव लीडरशिप से ठाणे के लोगों को इंसाफ मिलेगा। प्रशांत सिनकर ने कहा है।
प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रशांत रवींद्र सिनकर का मानना है कि माना बदलते परिवेश में प्रगति और समय के साथ बदलाव के लिए परिवर्तन ज़रूरी है, लेकिन इतिहास,संस्कृति और धरोहर को मिटाना नहीं चाहिए। ठाणे साइकेट्रिक हॉस्पिटल की ब्रिटिश-युग की विरासत, मेडिकल सुपरिटेंडेंट का ऑफिस और पुरानी मूर्तियों को बचाकर रखना चाहिए। डेवलपमेंट और विरासत के बीच बैलेंस समन्वय और संतुलन बनाना ही असली तरक्की है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा