विदर्भ को विकास का वैभव दिलाने के लिए प्रतिबद्ध : एकनाथ शिंदे
मुंबई, 14 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को विधानपरिषद में कहा कि राज्य विदर्भ को विकास का वैभव दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत सरकार ने नागपुर को अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय और वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करन
विदर्भ को विकास का वैभव दिलाने के लिए प्रतिबद्ध : एकनाथ शिंदे


मुंबई, 14 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को विधानपरिषद में कहा कि राज्य विदर्भ को विकास का वैभव दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत सरकार ने नागपुर को अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय और वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए हिंगणा तालुका में 1,710 एकड़ पर परियोजना शुरू की गई है। महाज्योति का मुख्यालय नागपुर स्थानांतरित किया जा रहा है तथा 100 एकड़ में ‘स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी’ स्थापित की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार को नागपुर में चल रहे विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के आखिरी दिन विधान परिषद में अंतिम सप्ताह प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित गडचिरोली को देश के ‘स्टील हब’ में बदला जाएगा और मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प है। उन्होंने बताया कि सरकार का प्रमुख फोकस बुनियादी ढांचा, उद्योग और जल संसाधन पर है। दावोस में हुए समझौतों में से 5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू केवल विदर्भ के लिए किए गए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। इसके साथ ही जिंदल ग्रुप जैसे बड़े उद्योग गडचिरोली में आ रहे हैं और अगले पांच वर्षों में गडचिरोली देश का ‘स्टील हब’ बनेगा।

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ‘फ्लाइंग अकादमी’ अमरावती में शुरू होगी। एयर इंडिया के साथ 25 हजार पायलटों के प्रशिक्षण हेतु करार किया गया है। अमरावती का पीएम मित्रा पार्क दो लाख रोजगार और निर्यात के अवसर प्रदान करेगा, जबकि नांदगांव पेठ में टेक्सटाइल क्लस्टर के मेगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा कि समृद्धि महामार्ग का विस्तार भंडारा, गडचिरोली और गोंदिया तक किया जा रहा है और इस मार्ग पर इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहा है। वडसा-देसाईगंज-गडचिरोली रेलमार्ग अब सुरजागढ़ तक जाएगा, जिससे आवागमन में क्रांतिकारी सुधार होगा। सिंचाई बैकलॉग को भरने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ परियोजना से विदर्भ की 10 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। गोसीखुर्द परियोजना और पूर्व विदर्भ के मालगुजारी तालाबों की मरम्मत के लिए भी पर्याप्त निधि दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव