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—61 शास्त्रियों ने विधि पूर्वक किया महारुद्र पाठ
वाराणसी,14 दिसंबर (हि.स.)। श्री काशी विश्वनाथ धाम के नवीनीकरण की चौथी वर्षगांठ पर मंदिर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में धार्मिक अनुष्ठान निरंतर जारी है। रविवार अपरान्ह मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठानों के क्रम में श्री काशी विश्वनाथ के स्वर्णशिखर के समक्ष विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ। मंदिर न्यास के अनुसार पावन आयोजन में मंदिर के 61 शास्त्रियों ने विधिपूर्वक महारुद्र पाठ किया।
इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार से संपूर्ण परिसर भक्तिमय और ऊर्जा से परिपूर्ण नजर आया। इस महारुद्र पाठ का उद्देश्य यह रहा कि मंदिर में आने वाला वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो, समस्त दर्शनार्थी सुख, शांति और कल्याण के साथ जीवन यापन करें तथा सभी की मनोकामनाएँ पूर्ण हों।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में सहभागिता कर दर्शन एवं पूजन का पुण्य लाभ प्राप्त किया। मंदिर के अफसरों के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर में आयोजित यह अनुष्ठान सनातन परंपरा, आध्यात्मिक चेतना और लोककल्याण की भावना को सुदृढ़ करने का प्रतीक है। इसके पहले सुबह काशी विश्वनाथ धाम के मंदिर परिसर में विराजमान समस्त देव विग्रहों का विशेष श्रृंगार एवं पूजन विधिपूर्वक संपन्न हुआ।
इस अवसर पर भगवान बद्रीनारायण, लक्ष्मी नारायण, माता अन्नपूर्णा, माता पार्वती तथा श्री हनुमान जी की विधिवत आराधना की गई। देर शाम को मंदिर चौक के मंच पर आयोजित शिवार्चनम में कलाकारों ने भजन और नृत्य के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ के समक्ष अपनी कला साधना से हाजिरी लगाई। इस दौरान धाम में मौजूद श्रद्धालुओं ने भी भजन गंगा में डुबकी लगाई। श्रद्धालु शिव भजनों की प्रस्तुति पर झुमते नजर आए।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी