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नई दिल्ली, 14 दिसंबर (हि. स.)। उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने रविवार को उप राष्ट्रपति एन्क्लेव में सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय (सुवरन मारन) के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, सूचना एवं प्रसारण एवं संसदीय कार्य मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी उपस्थित थे।
सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय (सुवरन मारन) के सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह कदम गुमनाम तमिल राजाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को मान्यता देने के केंद्र सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के कई स्थानों पर मिले शिलालेख सम्राट के मंदिर दान, सिंचाई कार्यों और तमिल साहित्य में योगदान की गवाही देते हैं। सम्राट मुथारैयार का शासनकाल दक्षिण भारतीय इतिहास में विशिष्ट स्थान रखता है।
उप राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के साल 2047 तक विकसित भारत के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की सांस्कृतिक विरासत और महान नेताओं की धरोहर का दस्तावेजीकरण, सम्मान और संरक्षण एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। साल 2014 से अब तक लगभग 642 चोरी हुई मूर्तियां और प्राचीन वस्तुएं बरामद की जा चुकी हैं, जिनमें से कई तमिलनाडु से जुड़ी हैं।
उल्लेखनीय है कि सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय (सुवरन मारन) प्राचीन तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे और गौरवशाली मुथारैयार वंश से संबंधित थे। उन्होंने 7वीं और 9वीं शताब्दी ईस्वी के बीच तमिलनाडु के मध्य क्षेत्रों पर शासन किया, जिसमें तिरुचिरापल्ली उनका केंद्र था।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी