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मीरजापुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। हलिया विकास खंड के औरा गांव स्थित परमहंस आश्रम में रविवार को आयोजित प्रवचन में आश्रम के स्वामी तुलसी दास महाराज ने गुरु भक्ति और नाम जाप की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए गुरु के स्वरूप का ध्यान और ईश्वर के नाम का निरंतर जाप करें।
स्वामी जी ने चौमासे का भजन सुनाते हुए कहा कि 84 लाख योनियों में मनुष्य योनि सर्वोत्तम है, लेकिन मनुष्य अपने कुटुंब और सांसारिक मोह में उलझकर दुखी हो जाता है। पशु-पक्षी जन्म के बाद स्वतंत्र विचरण करते हैं, उन्हें किसी से अपेक्षा नहीं होती और वे ईश्वर के सहारे जीवन व्यतीत करते हैं, इसलिए वे रोग और दुख से भी दूर रहते हैं। वहीं मनुष्य परिवार के पालन-पोषण के बाद उनसे अपेक्षाएं रखने लगता है, जिससे उसे कष्ट मिलता है।
उन्होंने कहा कि परिवार का पालन-पोषण मनुष्य का कर्तव्य है, लेकिन इसके बाद परमपिता परमेश्वर का स्मरण ही सच्चा सहारा है। यदि मनुष्य सुबह-शाम गुरु के स्वरूप का ध्यान कर ऊँ, राम, शिव जैसे ढाई अक्षर के नाम का जाप करे और परोपकार के मार्ग पर चले, तो जीवन की हर बाधा स्वतः दूर हो जाती है।
प्रवचन के दौरान आश्रम परिसर भक्तिरस में डूबा रहा। कार्यक्रम में शिबू बाबा, विनय बाबा, शिव बाबू सेठ, इंद्र प्रताप सिंह, राजेश दुबे, प्रकाश सिंह, राजू सिंह, प्रमोद अग्रहरी सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्रवचन के पश्चात सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा