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- अगले पाँच दिनों तक सुरों की बारिश से सराबोर रहेंगी संगीतधानी ग्वालियर की फिज़ाएँ
- देश-विदेश से आ रहे ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानसेन को देंगे स्वरांजलि
ग्वालियर, 14 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” की बेला आ गई है। मध्य प्रदेश की संगीतधानी ग्वालियर में 15 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक “तानसेन समारोह” आयोजित होगा।
इस समारोह में ग्वालियर की फिज़ाएँ अगले पाँच दिनों तक सुर, ताल व राग की बारिश में सराबोर रहेंगी। तानसेन समारोह का यह 101वां आयोजन है। ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग से पूरी दुनिया को शून्य का परिचय करा रहे “चतुर्भुज मंदिर” की थीम पर तानसेन समाधि के समीप बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर 15 दिसम्बर को सांध्य बेला में लगभग 6 बजे समारोह का शुभारंभ होगा। इसी मंच पर बैठकर देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।
जनसम्पर्क अधिकारी हितेंद्र सिंह भदौरिया ने रविवार को बताया कि तानसेन समारोह के शुभारंभ के साथ राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान समारोह का आयोजन भी होगा। प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. राजा काले मुम्बई को वर्ष 2024 एवं सुविख्यात संतूर वादक पं. तरुण भट्टाचार्य को वर्ष 2025 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया जायेगा। इसी तरह मण्डलेश्वर की साधना परमार्थिक संस्थान समिति को वर्ष 2024 एवं ग्वालियर की रागायन संगीत समिति को वर्ष 2025 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान से अलंकृत किया जायेगा। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनियाँ के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह में इस बार अलग ही रंग भरे गए हैं।
प्रात:काल पारंपरिक ढंग से एवं सायंकाल होगा औपचारिक शुभारंभउन्होंने बताया कि 101वे तानसेन समारोह का आगाज सोमवार, 15 दिसम्बर को होगा। इस दिन सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा व मीलाद वाचन एवं चादरपोशी के साथ समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए ग्वालियर किले पर स्थित ऐतिहासिक चतुर्भुज मंदिर की थीम पर बनाए गए भव्य मंच पर अतिथियों द्वारा औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी।
मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएँ होंगी
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को प्रात:काल 10 बजे से दो संगीत सभाएं समानांतर रूप से सजेंगी। यह सभाएं तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच व मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।
मुख्य समारोह में सुविख्यात संगीतज्ञों की संगीत सभाएं
15 दिसम्बर, 2025 प्रातः 10 बजे- मजीद खाँ एवं साथी शहनाई, ढोली बुआ महाराज संत एवं सच्चिदानंदनाथ एवं साथी हरिकथा, कामिल हजरत, ग्वालियर मीलाद।
सायं 6 बजे- विक्रम राणा, ग्वालियर शंखनाद, माधव संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, पण्डित तरूण भट्टाचार्य, कोलकाता संतूर, आभा-विभा चौरसिया, इंदौर युगल गायन, पण्डित राजा काले, मुम्बई गायन।
16 दिसम्बर, 2025 प्रातः 10 बजे- भारतीय संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, सुनील पावगी, ग्वालियर हवाईन गिटार, रीतेश-रजनीश मिश्र, वाराणसी युगल गायन, घनश्याम सिसौदिया, दिल्ली सारंगी।
सायं 6 बजे- ध्रुपद केन्द्र, ग्वालियर ध्रुपद गायन, पद्मविभूषण अमजद अली खान एवं अमान-आयान अली खान बंगस, मुम्बई सरोद, तिगलबंदी- रसिका गावड़े, इंदौर गायन, पद्मश्री सुमित्रा गुहा, दिल्ली गायन।
17 दिसम्बर, 2025, प्रातः 10 बजे- राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन, पण्डित नवीन गंधर्व, मुम्बई बेलाबहार, पण्डित विनोद कुमार द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी, कानपुर युगल गायन, डॉ. साधना देशमुख मोहिते, ग्वालियर गायन, (विश्व संगीत) - सिमोन मैटिएलो, रोम बांसुरी।
सायं 6 बजे- शारदानाथ मंदिर, ग्वालियर ध्रुपद गायन, संजीव अभ्यंकर, पुणे गायन, शैलेश भागवत, मुम्बई शहनाई अग्निमित्रा एवं साथी, भुवनेश्वर तबला, पखावज, वायलिन एवं बांसुरी।
18 दिसम्बर, 2025, प्रातः 10 बजे - श्री साधना संगीत कला केन्द्र, ग्वालियर ध्रुपद गायन चेतन जोशी, दिल्ली बांसुरी डॉ. ॠषि मिश्रा, प्रयागराज गायन सारंग लासूरकर, ग्वालियर तबला आशीष विजय रानाडे, नासिक गायन। सायं 6 बजे- शंकर गंधर्व महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन डॉ. मैसूर-सुमंथ मंजूनाथ, कर्नाटक वायलिन जुगलबंदी कलापिनी कोमकली, देवास गायन पद्मश्री शिवनाथ-देवब्रत मिश्र, वाराणसी सितार जुगलबंदी बटेश्वर जिला, मुरैना।
विशेष संगीत सभा- 18 दिसम्बर, 2025- प्रातः 10 बजे- सुधाकर देवले, उज्जैन गायन सुभाष देशपाण्डे वायलिन मधुमिता नकवी, भोपाल गायन।
19 दिसम्बर, 2025 प्रातः 10 बजे- बेहट, ग्वालियर ध्रुपद केन्द्र , बेहट ध्रुपद गायन विशाल मोघे, ग्वालियर गायन मिलिन्द रायकर, मुम्बई वायलिन योगिनी ताम्बे, ग्वालियर गायन।
सायं 6 बजे- गूजरी महल, ग्वालियर तानसेन संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर ध्रुपद गायन डॉ. नलिनी जोशी, दिल्ली गायन संगीता अग्निहोत्री, इंदौर तबला उमा गर्ग, दिल्ली गायन।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर