तीन ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर और डमी कैंडिडेट ग्राम विकास अधिकारी गिरफ्तार
जयपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक मामले में कार्रवाई करते हुए तीन प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और एक प्रशिक्षु की जगह परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी ग्राम विकास अधिकारी (वीडियो) को गिरफ्तार किया
तीन ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर और डमी कैंडिडेट ग्राम विकास अधिकारी गिरफ्तार


जयपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक मामले में कार्रवाई करते हुए तीन प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और एक प्रशिक्षु की जगह परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी ग्राम विकास अधिकारी (वीडियो) को गिरफ्तार किया गया है। एसओजी की जांच सामने आया कि आरपीएससी के रिकॉर्ड का विस्तृत विश्लेषण किया, जिसके बाद दस प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के रिकॉर्ड संदिग्ध पाए गए। इनमें से तीन के लिखित परीक्षा दस्तावेजों पर हस्तलेख और हस्ताक्षरों का मिलान फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) से कराया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट असमानता सामने आई। जिससे यह प्रमाणित हो गया कि तीनों ने अवैध रूप से डमी अभ्यर्थियों को बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी।फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसओजी विशाल बंसल ने बताया कि एसओजी की टीम ने उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक मामले में कार्रवाई करते हुए प्रशिक्षु उपनिरीक्षक कुणाल चौधरी (30) निवासी झंवर जिला जोधपुर (मेरिट 234, राजसमंद), चूनाराम जाट (30) निवासी करड़ा जिला जालौर (मेरिट 251, उदयपुर) और अशोक कुमार खिलेरी (30) निवासी करड़ा जिला जालोर (मेरिट 154, उदयपुर) को गिरफ्तार कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षु कुणाल चौधरी के स्थान पर लिखित परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी अशोक कुमार खींचड़ (30) निवासी बज्जू जिला बीकानेर हाल ग्राम विकास अधिकारी बज्जू को भी गिरफ्तार किया गया है।

डीआईजी एसओजी परीस देशमुख ने बताया कि इस प्रकरण में अब तक कुल 137 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें 63 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और 06 चयनित उपनिरीक्षक शामिल हैं। एसओजी वर्तमान में शेष दो प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों से पूछताछ कर रही है। ताकि उनके लिए परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थियों की पहचान हो सके।

एसओजी ने प्रशिक्षणरत सभी प्रशिक्षुओं से अपील की है कि यदि उन्होंने किसी भी स्तर पर अनुचित साधनों का प्रयोग किया है तो वे कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाने और अपने हित में स्वयं आगे आकर एसओजी को अवगत कराते हुए समर्पण करें। एसओजी द्वारा प्रशिक्षण और चयन से संबंधित रिकॉर्ड का सत्यापन लगातार जारी रहेगा और संदिग्धता सामने आते ही अन्य संलिप्त अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश