Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

लखनऊ,14 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने रविवार को दीप जलाकर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 42वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारम्भ किया।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो.आर.के.धीमान ने इस अवसर पर कहा कि एआई सभी क्षेत्रों में विकास की गति को हमारी कल्पना से कहीं अधिक बढ़ा रहा है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार भी 2047 तक विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं। स्वास्थ्य सेवा इस दौड़ में पीछे नहीं रह सकती। इसलिए, एसजीपीजीआई मरीजों की देखभाल और शोध को बढ़ावा देने के लिए एआई का उपयोग करेगा। इसका उद्देश्य भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित, तेज, सटीक और व्यापक बनाया जा सके।
प्रो. धीमान ने बताया कि एसजीपीआई एक ऐसे स्वास्थ्य सेवा केंद्र की स्थापना करेगा, जो सबसे उन्नत स्तर की चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा। यह स्वास्थ्य सेवा केंद्र, चिकित्सा उपचार की उच्चतम और सबसे विशिष्ट पहल है, जो सबसे गंभीर और जटिल रोगियों के लिए अंतिम रेफरल केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जो प्रोटॉन थेरेपी, ईसीएमओ, उन्नत न्यूरो-इंटरवेंशनल, सटीक ऑन्कोलॉजी और अत्याधुनिक सेलुलर थेरेपी जैसी प्रौद्योगिकियां प्रदान करेगा, जो वर्तमान में केवल कुछ ही भारतीयों के लिए सुलभ हैं जो इलाज के लिए विदेश जाते हैं। इस अवसर पर अध्यक्ष, आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली डॉ० अभिजात चंद्रकांत सेठ, एसजीपीजीआई के निदेशक राधाकृष्ण धीमन, संकाय अध्यक्ष प्रो० शालीन कुमार, लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो० सी०एम० सिंह, विशेष सचिव कृतिका शर्मा एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन