नैनो टेक्नोलॉजी से सड़क निर्माण को नई दिशा देने वाले अजय कुमार सिंह को पीएचडी की उपाधि
लखनऊ, 14 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता अजय कुमार सिंह को रविवार को एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा सड़क निर्माण में नैनो टेक्नोलॉजी के उन्नत अनुप्रयोग विषय पर पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। य
सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता अजय कुमार


लखनऊ, 14 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता अजय कुमार सिंह को रविवार को एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा सड़क निर्माण में नैनो टेक्नोलॉजी के उन्नत अनुप्रयोग विषय पर पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। यह शोध कार्य आधुनिक सड़क निर्माण इंजीनियरिंग में नैनो तकनीक के व्यावहारिक, तकनीकी तथा आर्थिक उपयोगों पर केंद्रित है।

इस शोध विषय का चयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, महानिदेशक (तकनीकी) प्रो. भरत राज सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने इस शोध में को-सुपरवाइज़र की भूमिका निभाई। एमिटी विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. आशिता कुलश्रेष्ठ एवं डॉ. अनिरुद्ध बनर्जी ने क्रमशः सुपरवाइज़र एवं को-सुपरवाइज़र के रूप में मार्गदर्शन प्रदान किया।

शोध कार्य में सड़क निर्माण इंजीनियरिंग में नैनो सामग्री जो अभी तक लागू नहीं हो रहा है। उन्नत अनुप्रयोगों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है। कंक्रीट की बेहतर मजबूती एवं टिकाऊपन प्राप्त करने के लिए नैनो सामग्री की आर्थिक रूप से उपयुक्त मात्रा निर्धारित करने के लिए विस्तृत गणनाएं प्रस्तुत की गई हैं। इससे लागत में वृद्धि किए बिना संरचनात्मक क्षमता बढ़ाने की संभावनाएं स्पष्ट होती हैं।

इसके अतिरिक्त, प्रबलित कंक्रीट संरचनाओं में स्टील रीबार में होने वाले क्षरण का पता लगाने के लिए एक नवीन तकनीक प्रस्तुत की गई है। इसमें डिफेक्ट लेयर्ड वन-डायमेंशनल बाइनरी, टर्नरी एवं क्वाटरनरी फोटोनिक क्रिस्टल आधारित डिस्प्लेसमेंट सेंसर्स का उपयोग दर्शाया गया है। शोध में एक उन्नत डबल-डिफेक्ट लेयर्ड क्वाटरनरी फोटोनिक क्रिस्टल संरचना भी प्रस्तावित की गई है, जो संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जा रही है।

यह शोध सड़क एवं अवसंरचना विकास के क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी के व्यावहारिक एवं भविष्यपरक उपयोगों की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप