एमयू की अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़ी उपलब्धि
MU Achieves Major Breakthrough in Space Research
एमयू की अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़ी उपलब्धि


मुंबई, 14 दिसम्बर (हि.स.)। मुंबई विश्वविद्यालय (एमयू) ने वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सबसे शक्तिशाली सौर तूफान (सोलर फ्लेयर्स) ‘गैनन्स सुपरस्टॉर्म’ के पीछे के वैज्ञानिक कारणों का पता लगाने में एमयू के वैज्ञानिकों ने अहम योगदान दिया है।

एमयू के प्रो. अनिल राघव के मार्गदर्शन में पीएचडी छात्र अजय कुमार और कल्पेश घाग ने डेटा विश्लेषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए भविष्य में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को और सशक्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह उपलब्धि भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ है कि पृथ्वी पर आए पिछले 20 वर्षों के सबसे शक्तिशाली सौर तूफान (सोलर फ्लेयर्स) ‘गैनन्स सुपरस्टॉर्म’ के पीछे के वैज्ञानिक कारणों का खुलासा करने वाले अंतरराष्ट्रीय शोध में एमयू के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही है।

शोध के अनुसार मई 2024 में सूर्य से लगातार कई बड़े सौर उद्रेक हुए, जिनके कारण अंतरिक्ष में लगभग 1.3 मिलियन किलोमीटर तक फैला विशाल चुंबकीय पुनर्संयोजन क्षेत्र बना। इसी प्रक्रिया ने सौर तूफान को अत्यधिक तीव्र बना दिया, जिससे उपग्रह संचालन, संचार प्रणालियों और पृथ्वी के चुंबकीय सुरक्षा कवच पर व्यापक प्रभाव पड़ा। यह शोध भारत के ‘आदित्य-एल1’ मिशन और नासा के छह अंतरिक्ष यानों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है। अध्ययन का नेतृत्व इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के डॉ. अंकुश भास्कर और उनके छात्र शिबितोष बिस्वास ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार