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कश्मीर, 14 दिसंबर (हि.स.)। लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह ने रविवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को तैयार रहना चाहिए क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर 2.0 अपरिहार्य है मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की सेना चीन और तुर्की के समर्थन से कश्मीर मुद्दे पर अड़ी हुई है। सिंह ने कहा कि नियंत्रण रेखा एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार उल्लंघन के कारण मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ युद्धविराम अभी भी नाजुक है।
उन्होंने भारत द्वारा कथा निर्माण क्षमताओं में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया जिसे उन्होंने सैन्य अभियान के दौरान एक कमी बताया। नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज के महानिदेशक सिंह गुजरात के गांधीनगर के पास भारतीय वायु सेना के दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के मुख्यालय में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उनका यह संबोधन वायु सेना संघ गुजरात शाखा द्वारा आयोजित स्वर्गीय फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों पीवीसी वार्षिक स्मृति व्याख्यान के नौवें संस्करण का हिस्सा था।
उन्होंने कहा ऑपरेशन सिंदूर अंत नहीं था बल्कि यह तनाव प्रबंधन की नई दिशाओं की शुरुआत थी। तो हमारे शत्रु के साथ भविष्य में किसी संघर्ष की क्या संभावना है उत्तर है हाँ। ऑपरेशन सिंदूर 2.0 महज़ एक संभावना नहीं है यह अपरिहार्य है।
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हिन्दुस्थान समाचार / SONIA LALOTRA