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श्रीनगर, 14 दिसंबर(हि.स.)। कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता शब्बीर अहमद खान ने आज स्पष्ट किया कि बिजली वितरण विंग के पास बिजली बिल माफ करने या छूट देने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि सभी बिलिंग एक केंद्रीकृत ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से की जाती है और एकत्र किया गया भुगतान सीधे सरकारी खजाने में जाता है।
बिजली बिलों और लोक अदालत में उपभोक्ताओं की हालिया भीड़ पर चिंताओं को संबोधित करते हुए खान ने बताया कि कश्मीर के सभी 67 उपखंडों में बिजली बिलिंग पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि केपीडीसीएल 52 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करता है और संपूर्ण उपभोक्ता डेटा एक ऑनलाइन बिलिंग प्रणाली में रखा जाता है जो सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। वितरण शाखा बिजली की आपूर्ति करती है और आपूर्ति की गई बिजली के लिए सख्ती से बिल जारी करती है। एक उचित बिलिंग तंत्र मौजूद है और यदि उपभोक्ता अपने बिल का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो नियमों के अनुसार बिजली कनेक्शन काट दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि केपीडीसीएल स्वयं बिजली पैदा नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली खरीदती है और हमारे सिस्टम के माध्यम से इसकी आपूर्ति करती है। हम केवल बिजली वितरित करते हैं बिल बनाते हैं और उपभोक्ताओं से भुगतान एकत्र करते हैं। एकत्र किया गया पैसा हमारा नहीं है यह सीधे सरकारी खजाने में जमा किया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता