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औरैया, 13 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने वाद निस्तारण के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया। उच्च न्यायालय, प्रयागराज के प्रशासनिक न्यायमूर्ति एवं सत्र संभाग औरैया के प्रशासनिक न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार सिन्हा के कुशल निर्देशन तथा जनपद न्यायाधीश मयंक चौहान के प्रभावी नेतृत्व एवं निगरानी में जनपद न्यायालय औरैया, बाह्य न्यायालय बिधूना, विभिन्न राजस्व न्यायालयों एवं अन्य विभागों में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश मयंक चौहान, पीठासीन अधिकारी एमएसीटी रजनीश कुमार, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय विवेक त्रिपाठी, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह, अपर जिला जज प्रथम कु. पारूल जैन, नोडल अधिकारी विकास गोस्वामी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेश कुमार द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
जनपद न्यायाधीश ने सभी न्यायिक अधिकारियों को अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कर लोक अदालत को सफल बनाने के निर्देश दिए तथा न्यायालय परिसर में लगे बैंक पंडालों एवं न्यायालयों का निरीक्षण भी किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेश कुमार ने बताया कि शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 21,541 वादों का निस्तारण किया गया। इस दौरान 4 करोड़ 56 लाख 51 हजार 957 रुपये ऋण राशि, 3 लाख 21 हजार 890 रुपये अर्थदंड की वसूली तथा 1 करोड़ 34 लाख 82 हजार 7 रुपये का प्रतिकर प्रदान किया गया।
एमएसीटी न्यायालय द्वारा 88 क्लेम निस्तारित कर पीड़ितों को 1 करोड़ 25 लाख 65 हजार रुपये का प्रतिकर दिया गया, जबकि परिवार न्यायालय द्वारा 39 वाद निस्तारित किए गए। इसके अतिरिक्त सिविल, फौजदारी, विद्युत अधिनियम, एससी/एसटी, पॉक्सो, उपभोक्ता, राजस्व, परिवहन, नगर निकाय एवं बैंक से संबंधित हजारों मामलों का निस्तारण हुआ।
गौरतलब है कि 10 से 13 दिसंबर 2025 तक आयोजित विशेष एवं राष्ट्रीय लोक अदालतों में कुल 21,735 वादों का निस्तारण हुआ, जो पूर्व लोक अदालतों की तुलना में अधिक है। यह अभूतपूर्व उपलब्धि न्यायिक प्रशासन के समन्वित प्रयासों का परिणाम रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार