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वॉशिंगटन, 13 दिसंबर (हि.स.)। अमेरिका ने पूर्वी कांगो में रवांडा की भूमिका को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि वहां की जा रही कार्रवाइयां वॉशिंगटन में हुए शांति समझौते का स्पष्ट उल्लंघन हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शनिवार को यह बात कही।
रुबियो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि पूर्वी डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में रवांडा की गतिविधियां उस शांति समझौते के खिलाफ हैं, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा कि समझौते के तहत किए गए वादों का पालन हो।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में भी अमेरिका ने रवांडा पर गंभीर आरोप लगाए थे। अमेरिकी प्रतिनिधियों ने कहा कि रवांडा समर्थित एम-23 विद्रोही समूह की गतिविधियां क्षेत्र में अस्थिरता और संघर्ष को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे शांति स्थापना के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को नुकसान पहुंच रहा है।
उल्लेखनीय है कि 04 दिसंबर को वॉशिंगटन में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के नेताओं के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बावजूद पूर्वी कांगो के संघर्षग्रस्त इलाकों में हिंसा जारी है, जिससे इस समझौते की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अमेरिका का कहना है कि यदि हालात में सुधार नहीं हुआ तो क्षेत्रीय शांति के लिए किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों को गंभीर चुनौती मिल सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय