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जयपुर, 13 दिसंबर (हि.स.)। ‘सहकार से समृद्धि’ की पहलों को क्रियान्वित करने में राजस्थान देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है। इसी क्रम में राज्य ने एक और अहम उपलब्धि हासिल की है। सहकारी समितियों द्वारा भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की सदस्यता के मामले में राजस्थान देश में शीर्ष पायदान पर पहुंच गया है। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की सहकारी समितियों को भविष्य में इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
राजपाल ने बताया कि देश में अब तक 32 हजार 727 सहकारी समितियों ने बीबीएसएसएल की सदस्यता प्राप्त की है। राज्य में किए गये विशेष प्रयासों के चलते अब तक प्रदेश की लगभग 6200 सहकारी समितियां इसकी सदस्यता के लिए आवेदन कर चुकी हैं तथा 6120 सहकारी समितियों को सदस्यता प्राप्त हो चुकी है, जो देश में सर्वाधिक है। गुजरात 5524 सहकारी समितियों एवं महाराष्ट्र 4969 सहकारी समितियों की संख्या के साथ क्रमश: दूसरे एवं तीसरे स्थान पर हैं।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि राज्य में इस संबंध में सहकारी समितियों को जागरूक करने के लिए सभी स्तर पर समन्वित रूप से विशेष प्रयास किए गए, जिसकी वजह से यह संभव हो सका। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों द्वारा बीबीएसएसएल की सदस्यता से किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाने के साथ ही उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने तथा बाजार तक कृषक समूहों की पहुंच बढ़ाने में सहायता मिलेगी। राज्य में सहकारी समितियों एवं कृषकों को इसका अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए बीबीएसएसएल के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किए जाने पर फोकस किया जा रहा है। सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण उपलब्ध होने से कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, जिससे इस दिशा में बेहतर रूप से कार्य किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि सहकारी समितियों एवं किसानों की आय में वृद्धि के दृष्टिगत केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर की तीन सहकारी समितियों भारतीय बीज सहकारी समिति लि.,राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. एवं राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. का गठन किया गया है। अब तक राज्य की 1038 समितियां एनसीओएल एवं 1045 समितियां एनसीईएल की सदस्यता के लिए आवेदन कर चुकी हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक