फनल जोन की इमारतों के रीडेवलपमेंट लिए नई स्कीम
New Scheme for Redevelopment of Buildings in Funnel Zones
फनल जोन की इमारतों के रीडेवलपमेंट लिए नई स्कीम


मुंबई, 13 दिसंबर (हि.स.)। मुंबई की फनल जोन की इमारतों के रीडेवलेपमेंट का मामला कई वर्षों से उलझा हुआ है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को विधान परिषद में फनल ज़ोन की वजह से रुकी हुई इमारतों के रीडेवलपमेंट में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार की बनाई नई स्कीम घोषणा की। इस स्कीम की वजह से मुंबई में हज़ारों रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी मिलेगी।

मुंबई एयरपोर्ट के पास फनल ज़ोन और दूसरी टेक्निकल रुकावटों की वजह से कई इमारतों का रीडेवलपमेंट नहीं हो पा रहा था। इस वजह से पूरे उपलब्ध कारपेट एरिया का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'हाउसिंग फॉर ऑल' पॉलिसी के तहत नई स्कीम तैयार की है। इस स्कीम के जरिए मुंबई में इमारतों के रीडेवलपमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) को 300 वर्ग फीट तक का कारपेट एरिया फ्री में दिया जाएगा। लो इनकम ग्रुप (एलआईजी) के लिए 600 वर्ग फीट तक के फ्लैट्स के रिकंस्ट्रक्शन के लिए फ्री में खास प्रावधान किया गया है।

इस योजना के जरिए घर मालिकों को उनके ओरिजिनल ओनरशिप राइट्स के प्रोपोर्शन में बेसिक कारपेट एरिया दिया जाएगा। प्रोटेक्टेड टेनेंट्स को उनके प्रोटेक्टेड एरिया के बराबर या कम से कम 30 वर्ग मीटर (जो भी ज़्यादा हो) कारपेट एरिया दिया जाएगा। साथ ही ऑथराइज्ड रेजिडेंट्स को उनके लीगल पजेशन के बराबर या कम से कम 30 वर्ग मीटर जो भी ज़्यादा हो, एफएसआई की इजाजत दी जाएगी।

इस स्कीम के तहत इस्तेमाल न होने वाला कारपेट एरिया टीडीआर फॉर्म में अवेलेबल कराया जाएगा। इससे प्रोजेक्ट्स इकोनॉमिकली वायबल बनेंगे। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने स्पष्ट किया कि मौजूदा विकास नियंत्रण नियम 33(7) और 33(9) के तहत उपलब्ध सभी प्रोत्साहन, प्रीमियम और अन्य लाभ जारी रहेंगे। यह नई योजना ग्रेटर मुंबई क्षेत्र में फ़नल ज़ोन प्रभावित पुनर्विकास परियोजनाओं को बड़ी राहत प्रदान करेगी। कई वर्षों से रुकी हुई इमारतों के पुनर्विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार