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चेन्नई, 13 दिसंबर (हि.स.)। नए स्वरूप में लागू मोटर वाहन अधिनियम को रद्द करने समेत नौ सूत्री मांगों को लेकर 75 ट्रक मालिक संघों द्वारा शुरू की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। वहीं, हड़ताल काे समाप्त कराने के लिए 12 दिसंबर को तेंदैयारपेटे के आरडीओ कार्यालय में प्रस्तावित सर्वदलीय वार्ता नहीं होने से गतिरोध और गहरा गया है।
इस हड़ताल में चेन्नई बंदरगाह से जुड़े 13 संघों सहित विभिन्न प्रकार के भारी वाहन संचालकों के कुल 75 संगठन शामिल हैं। उनकी प्रमुख मांगों में सीमा जांच चौकियों को हटाना, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना और वाहन संबंधी विभिन्न शुल्कों में राहत देना शामिल है।
हड़ताल के कारण राज्य सरकार को प्रतिदिन लगभग 100 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, रेफ्रिजरेटेड कंटेनर ट्रकों के जरिए बंदरगाहों तक पहुंचाए गए और विदेशों में निर्यात किए जाने वाले प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद खराब हो रहे हैं, जिससे निर्यातकों को भारी क्षति उठानी पड़ रही है।
ऑल पोर्ट ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन सहित 13 संगठनों के अध्यक्ष एमएम गोपी ने कहा कि जब तक एलीवेटेड कार्गो वाहनों के लिए वाहन गुणवत्ता प्रमाणपत्र के नवीनीकरण शुल्क को वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी ट्रेलर ट्रक मालिक और चालक चेन्नई बंदरगाह से न तो निर्यात करेंगे और न ही आयात कार्य करेंगे। इस दौरान लगभग 5,000 कंटेनर ट्रक सड़कों पर नहीं उतरेंगे।
उन्होंने सरकार से मांगों को न्यायसंगत बताते हुए शीघ्र समाधान निकालने की अपील की।-----------------------
हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV