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मुंबई, 13 दिसंबर (हि.स.)। मुंबई के झोपड़पट्टी वासियों के अच्छे दिन आने वाले हैं। महाराष्ट्रसरकार ने मुंबई को झोपड़पट्टी मुक्त बनाने के लिए अहम कदम उठाया है। अब 50 एकड़ सेअधिक प्लॉट पर 'क्लस्टररीडेवलपमेंट' योजना लागू की जाएगी। इसके पहलेचरण में 17 प्रोजेक्ट को चुना गया है। यह घोषणा शनिवार को नागपुर विधान परिषद में उपमुख्यमंत्रीएकनाथ शिंदे ने की।
योजना के पहले चरण में मुंबई में 17 बड़ी जगहों को चुना गया है। इसमें एंटॉप हिल, कृष्णा नगर और केतकी पाड़ा (बोरीवली), गोपीकृष्ण नगर (दहिसर), ओशिवारा, गोवंडी, चीता कैंप (ट्रॉम्बे), चेंबूर, टैगोर नगर (विक्रोली), विक्रोलीपार्क साइट और भांडुप शामिल हैं। इससे स्लम में रहनेवाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उपमुख्यमंत्रीने कहा कि छोटे एसआरए प्रोजेक्ट्स के बजाय अब पूरे इलाके को बदलने के लिए यहस्कीम लागू की जाएगी। राज्य सरकार की कैबिनेट ने 7 अक्टूबर 2025 को इस स्कीम कोमंज़ूरी दे दी है। इस बारे में 13 नवंबर 2025 को शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। प्रोजेक्ट्स को एमएमआरडीए, सिडको, एमआईडीसी, एमएसआरडीसी. म्हाडा, और बीएमसी जैसी सरकारी एजेंसियों कीमदद से 'जॉइंट वेंचर' के आधार पर शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में कुछ और प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबईमें हजारों झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को राहत देते हुए झोपड़ियां खरीदने औरबेचने में तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे नागरिकों के लिए 'एसआर अभययोजना' को दिसंबर 2026 तक बढ़ाने की घोषणा कीगई है। साथ ही शिकायतों के समाधान के लिए 'एपेक्सग्रीवांस रिड्रेसल कमेटियों' (एजीआरसीएस) की संख्या बढ़ाने का निर्णयलिया गया है। ओसीएस के लिए म्हाडा की अभय स्कीम को 1 साल का एक्सटेंशन देने और बीएमसी के लीज़ प्लॉट पर मनपा कर्मचारियों के घरों के लिए एक नई योजना लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अब 50 एकड़ या उससे अधिक की निजी, सरकारीया अर्ध-सरकारी ज़मीन पर क्लस्टर स्लम रीडेवलपमेंट स्कीम बनाई गई है।
उपमुख्यमंत्रीने कहा कि कई झोपड़ा मालिकों ने झोपड़ियां खरीदी, बेची या ट्रांसफर की थीं। नियमों के अनुसार नए झोपड़ा मालिकों के नाम 'फाइनल अपेंडिक्स-2' में शामिल करने का कोई प्रावधान नहींथा। इससे यह डर पैदा हो गया कि हजारों जरूरतमंद परिवार अपने हक के घरों से वंचितहो जाएंगे। राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर 2024को 'अभय योजना' लागू की थी। शुरुआत में यह स्कीम 3महीने के लिए थी, बाद में इसे मार्च 2025 तक बढ़ा दियागया था। म्हाडा के ओसीएस के लिए अभय योजना अभी चल रही है। इसे एक साल का एक्सटेंशनदिया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्लम रीडेवलपमेंट से जुड़ी अभी 2103 मामले पेंडिंग हैं। सरकार ने उन्हें तेजीसे सुलझाने के लिए एजीआरसीएस की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। बीएमसी के लीज प्लॉट पर बने मनपा कर्मचारियों के घरोंके लिए बीएमसी प्रशासन को एक नया प्लान लाने का निर्देश दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार