Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

धमतरी, 13 दिसंबर (हि.स.)। रेलवे परियोजना से प्रभावित परिवारों की गंभीर स्थिति को देखते हुए नगर निगम के सभी विपक्षी कांग्रेसी पार्षद शनिवार को मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। पीड़ितों ने पार्षदों को बताया कि अब तक शासन-प्रशासन द्वारा उनके लिए किसी भी प्रकार की वैकल्पिक विस्थापन या पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई है। न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी और न ही कोई जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने पहुंचा, जिससे उनकी परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।
नगर निगम के उपनेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र देवांगन (विशु) ने कहा कि बिना किसी वैकल्पिक पुनर्वास व्यवस्था के गरीब परिवारों को बेघर किया जाना निंदनीय ही नहीं, बल्कि अमानवीय है। कड़ाके की ठंड के इस मौसम में, जब तापमान न्यूनतम स्तर पर है, ऐसे समय में गरीबों के सिर से छत छीन लेना प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है। पार्षद पूर्णिमा रजक ने कहा कि प्रभावित परिवार आज बिना छत, भोजन, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के जीवन यापन करने को मजबूर हैं। 15 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई, जो सरकार की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
पार्षद सूरज गहरवाल ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं और गरीब व पीड़ित परिवारों की पीड़ा को लगातार अनदेखा कर रहे हैं। विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने एक स्वर में मांग की कि रेलवे परियोजना से प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही उचित व्यवस्था नहीं की गई तो विपक्षी पार्षद पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर उनके हक और अधिकार की लड़ाई सड़कों से लेकर हर स्तर तक लड़ेंगे। इस अवसर पर पार्षद उमा भागी ध्रुव, रामेश्वरी कोसरे, पूर्व पार्षद सोमेश मेश्राम, गजानंद रजक, हीरौंदी बाई, मधु यादव, ज्योति कोसारिया, जौहरी मंडावी, गंगा मंडावी, बिजना बाई एवं सुमित्रा बाई उपस्थित रहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा