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अहमदाबाद, 13 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को खेतीवाड़ी उत्पन्न बाजार समिति (एपीएमसी) सूरत की नवनिर्मित
और राज्य के सबसे बड़े व पहले एलिवेटेड मार्केट यार्ड का लोकार्पण किया। यह गुजरात का पहला ऐसा आधुनिक मार्केट यार्ड है, जहां पहली मंजिल पर भारी वाहनों की आवाजाही संभव है।
इसके साथ ही सूरत एपीएमसी मार्केट के आधुनिकीकरण और विस्तार के तहत निर्मित इस अत्याधुनिक एलिवेटेड मार्केट यार्ड में किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों के लिए निःशुल्क प्राथमिक उपचार केंद्र तथा बीज वितरण केंद्र का भी उद्घाटन किया गया।
डुंभाल स्थित एपीएमसी सरदार मार्केट में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी के अधिकतम उपयोग के माध्यम से किसानों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने
कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में “सहकार से समृद्धि” के मंत्र के साथ देश में अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना कर सहकारी क्षेत्र को मजबूत किया गया है, जिससे किसानों और पशुपालकों की आय और जीवन स्तर में सुधार संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री पटेल ने भारी वाहनों और बड़े ट्रकों की सुचारू आवाजाही, बेहतर एंट्री-एग्जिट व्यवस्था और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस एलिवेटेड स्ट्रक्चर के लिए सूरत एपीएमसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि सूरत एपीएमसी ने वर्ष 1951 में मात्र 15 हजार रुपये की आय से शुरुआत की थी, जो आज सहकारिता के एक विशाल वटवृक्ष के रूप में विकसित हो चुकी है।
पूरी तरह कंप्यूटरीकृत और पारदर्शी व्यवस्था, किसानों को कृषि उपज की बिक्री पर आरटीजीएस के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान जैसी सुविधाओं के कारण महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के किसान भी अपनी उपज बेचने के लिए सूरत एपीएमसी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रतिदिन 12 से 15 हजार लोगों की आवाजाही वाले इस मार्केट यार्ड ने पिछले दो वर्षों से आय के मामले में गुजरात में पहला स्थान प्राप्त किया है और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत एग्रो और फ्रूट प्रोसेसिंग चेन विकसित कर आम, चीकू, सब्जी, लहसुन आदि के लिए विशेष एग्री एक्सपोर्ट ज़ोन भी तैयार किए गए हैं।
डिजिटल तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग से कृषि उत्पादन, सस्टेनेबिलिटी और बाजार तक पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसान ई-मित्र जैसी एआई आधारित सेवाओं के जरिए किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी सरलता से मिल रही है। हाल ही में बेमौसम बारिश के बाद राज्य सरकार द्वारा घोषित 10 हजार करोड़ रुपये के कृषि सहायता पैकेज को किसानों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एआई आधारित प्रणालियां विकसित की जा रहा है।
उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम किसान मानधन, पर ड्रॉप मोर क्रॉप, नेशनल बांस मिशन, नमो ड्रोन दीदी सहित 28 से अधिक योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो भूमि, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इससे किसानों की आय बढ़ी है और रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने विकसित गुजरात से विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
कृषि एवं सहकारिता मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने कहा कि किसानों को आधुनिक सुविधाएं, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराकर उनकी आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार और सहकारी क्षेत्र निरंतर कार्य कर रहे हैं। सूरत एपीएमसी इसका सशक्त उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सूरत एपीएमसी राज्य की सबसे अधिक आय वाली मार्केट यार्ड है, जो सहकारिता की शक्ति को दर्शाती है। पूर्व की सरकारों के समय किसानों को शेड, भंडारण और सुरक्षा जैसी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज मार्केट यार्ड पूरी तरह आधुनिक, सुरक्षित और पारदर्शी बन चुके हैं।
सहकारी संस्थाओं से अपील करते हुए मंत्री वाघाणी ने कहा कि छोटे-बड़े बायोगैस प्लांटों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक जैविक खाद किसानों तक पहुंचाई जानी चाहिए, जिससे “सहकार से समृद्धि” का सपना साकार हो सके।
स्वागत भाषण में विधायक एवं सूरत एपीएमसी के चेयरमैन व विधायक संदीपभाई देसाई ने बताया कि सूरत एपीएमसी में देश के 15 राज्यों से किसान और बागवान अपनी उपज बेचने आते हैं। एलिवेटेड मार्केट यार्ड में 100 फीट चौड़ा रैंप बनाया गया है, जिससे ट्रक और टेंपो सीधे पहली मंजिल तक दुकानों के सामने पहुंच सकेंगे। इससे समय की बचत होगी, ट्रैफिक की समस्या कम होगी और माल सीधे दुकानों पर उतारा जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस एलिवेटेड मार्केट यार्ड के लिए केंद्र सरकार द्वारा 19 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। पहली मंजिल पर 108 हाईटेक दुकानें, बड़े स्टोररूम, टू-वे रैंप, माल ढुलाई लिफ्ट, पैसेंजर लिफ्ट, आरसीसी सड़क, 200 कार और 4000 दोपहिया वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों के लिए निःशुल्क प्राथमिक उपचार केंद्र और बीज वितरण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, आदिवासी विकास मंत्री नरेशभाई पटेल, सांसद मुकेशभाई दलाल, प्रभुभाई वसावा, जिला पंचायत प्रमुख भाविनीबेन पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती दर्शनाबेन जर्दोष, विधायकगण,एपीएमसी पदाधिकारी, सहकारी नेता, किसान और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे