पंचनद सदन हमारे इतिहास, जड़ों और भविष्य की आकांक्षाओं का मेल: नायब सैनी
फतेहाबाद : सीएम ने किया पंचनद सदन का उद्घाटन, 31 लाख ग्रांट की घोषणा
फतेहाबाद में पंचनद सदन का उद्घाटन करते हुए सीएम नायब सिंह सैनी।


फतेहाबाद, 13 दिसंबर (हि.स.)। सीएम नायब सैनी शनिवार को फतेहाबाद दौरे पर रहे। सीएम ने सबसे पहले पंजाबी समाज की ओर से बनाए गए पंचनद सेवा सदन का उद्घाटन किया। उन्होंने पंचनद सेवा सदन को 31 लाख रुपये की ग्रांट देने की घोषणा की। उनके साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कमुार बेदी, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, विधायक विनोद भ्याना, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व विधायक सुभाष सुधा, दुड़ा राम, बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा भी मौजूद रहे। इस दौरान सीएम नायब सैनी ने कहा कि मुझे याद है कि इस सदन का शिलान्यास 13 दिसंबर 2020 को हमारे तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कर-कमलों से किया गया था। 5 वर्षों में यह एक भव्य इमारत के रूप में हमारे सामने खड़ा है। यह भवन पंचनद स्मारक ट्रस्ट के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की लगन, समर्पण और अथक परिश्रम का साक्षात प्रमाण है। इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने वाले हर व्यक्ति को नमन करता हूं। यह सदन मात्र ईंट और सीमेंट से बनी एक संरचना नहीं है, बल्कि यह हमारे इतिहास, हमारी जड़ों और हमारे भविष्य की आकांक्षाओं का मेल है।सीएम ने कहा कि पंचनद शब्द हमारे दिल में एक विशेष स्थान रखता है। पंचनद का अर्थ है ‘पांच नदियों का क्षेत्र’ और ये पांच नदियां हैं, सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब और झेलम। इन नदियों ने ही सदियों तक इस क्षेत्र को सींचा है और इसे विश्व की सबसे समृद्ध, सबसे पुरानी और सबसे महान सभ्यताओं में से एक बनाया है। यही भू-भाग की नदियों से पंजाब के नाम से जाना जाता रहा है, जो ‘पंज आब’ या पांच नदियों का संगम है। उन्होंने कहा, यह पंचनद की ही भूमि है, जहां सभी धर्म और संस्कृति पनपी, फली-फूली और एक-दूसरे के साथ सद्भाव में विकसित हुई। यहां की तहजीब, यहां का भाईचारा, यहां की मेहमान-नवाजी, और यहां की कर्मठता पूरे विश्व में प्रसिद्ध थी। यह पंचनद की धरती बर्बरता और निर्मम हत्याओं का साक्षी बनी। एक ही रात में, लाखों लोगों का जीवन, उनकी संपत्ति, उनके घर और उनका भविष्य उनसे छीन लिया गया। एक सभ्यता और संस्कृति को क्रूरता की तलवार से दो हिस्सों में काट दिया गया। हमने जिस सदन का उद्घाटन कर किया है, उसका उद्देश्य उस इतिहास को जीवित रखना है, ताकि आने वाली पीढिय़ां इस त्रासदी को कभी न भूलें और राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझें।

हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा