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मुंबई, 11 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने गुरुवार को विधान परिषद में कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और कोई भी किसान कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं के फायदे से वंचित नहीं रहेगा। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे नागपुर में चल रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में सदस्य रणजीतसिंह मोहिते पाटिल द्वारा किसानों की विभिन्न योजनाओं के लिए लंबित निधियों और अनुदानों के संबंध में उठाए गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। इस दौरान सदस्य सतेज पाटिल, सदाभाऊ खोत, शशिकांत शिंदे, निरंजन डावखरे, प्रवीण दारकेकर, संजय खोडके और कृपाल तुमाने ने उपप्रश्न उपस्थित किया था।
कृषि मंत्री भरणे ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के लाभार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है और योजना के मापदंडों के अनुसार पात्र व्यक्तियों को लाभ दिया जाता है। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निधि की आवश्यकता है। कृषि मंत्री भरणे ने कहा कि इसके लिए कृषि समृद्धि योजना से निधि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2025-2026 के लिए कृषि विभाग ने केंद्र प्रायोजित कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन के लिए 82 करोड़ 67 लाख रुपये, राज्य प्रायोजित कृषि यंत्रीकरण के लिए 200 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीडीएमसी) के लिए 251 करोड़ 41 लाख 50 हजार रुपये, मुख्यमंत्री सतत कृषि सिंचाई योजना के लिए 100 करोड़ रुपये, भाऊसाहेब फुंडकर फलोद्यान रोपण योजना के लिए 62 करोड़ 70 लाख रुपये, मुख्यमंत्री कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना के लिए 31 करोड़ 97 लाख 75 हजार रुपये और एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के लिए 68 करोड़ 33 लाख 33 हजार रुपये मंजूर किए गए हैं। भाऊसाहेब फुंडकर फल उद्यान रोपण योजना के लिए शीतकालीन सत्र में 127.71 करोड़ रुपये की पूरक मांग की गई है। साथ ही, केंद्र प्रायोजित योजना के तहत धन की दूसरी किस्त की मांग का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। कृषि समृद्धि योजना के लिए अगले पांच साल 2025-2026 के लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान मंजूर किया गया है, जबकि सालाना कुल 25,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव