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रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को राज्य में ओबीसी आरक्षण शून्य करने से संबंधित मामले काे भाजपा के विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता और विधायक देवेंद्र कुंवर ने गैर संकल्प के तहत सदन में उठाया। इसपर विभाग की ओर से तीन प्रभारी मंत्रियों दीपक बिरूआ, सुदिव्य कुमार और राधाकृष्ण किशोर ने बारी बारी से जवाब दिया। मामले पर मंत्री राधा कृष्ण ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मामले में हेमंत सरकार भी चिंतित है। मामले पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
इसके पूर्व विधायक देवेंद्र कुंवर ने मामला को उठाते हुए कहा कि संथाल परगना प्रमंडल में पिछड़ों और अति पिछड़ों की आबादी कुल आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक है। लेकिन आरक्षण शून्य होने से इस बड़ी आबादी का अस्तित्व खतरे में है। वहीं मामले में विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने कहा कि ओबीसी की आबादी हझारखंड की कुल आबादी का 55 प्रतिशत है, लेकिन इस वर्ग को केवल 14 प्रतिशत आरक्षण का ही लाभ दिया जा रहा है। राज्य के कई जिलों में ओबीसी वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है।
कुशवाहा ने कहा की हेमंत सरकार ने चुनावी घोषणा में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण करने की घोषणा की थी। इसपर प्रभारी मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि 2022 में कोर्ट के निर्णय को देखते हुए आरक्षण को बढाकर 27 प्रतिशत किया गया था। बाद में इसपर कोर्ट का हस्तक्षेप हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग को भेजा है। वहां से रिपोर्ट आते ही आरक्षण को बढाकर 27 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इसपर कुशवाहा ने कहा कि चुनाव के समय राज्य सरकार की ओर से जिस तरह बड़ी–बड़ी बातें कही गईं। आरक्षण बढ़ाने की घोषणा हुई तब तो सरकार ने केंद्र सरकार का हवाला देकर घोषणा नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मंत्री बताएं कि कब तक इस कार्य को सरकार पूरा कर लेगी।
इसके बाद प्रभारी मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जब अपने कार्यकाल में ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत किया तब क्या झामुमो से पूछकर किया था। इस बीच स्पीकर ने हस्तक्षेप किया। साथ ही मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने भी कहा कि सदस्य कुशवाहा जितनी उम्मीद से मामले पर गंभीरता दिखा रहे हैं। हेमंत सरकार भी उतनी ही गंभीरता से इसपर ठोस निर्णय लेने को चिंतित है। इसे निश्चित रूप से किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar