अंडरग्राउंड पाइपलाइन के जरिए लोगों को मिलेगा तिलैया नहर का पानी : मंत्री
रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। अंडरग्राउंड पाइपलाइन के जरिए तिलैया नहर का पानी स्थानीय लोगों को मिलेगा। इस योजना का डीपीआर यूडीपीएल के तहत तैयार किया रहा है। अंडरग्राउंड पाइपलाइन का उपयोग करने से स्थानीय लोगों से भूमि अधिग्रहण का झंझट नहीं रहेगा। ग्रा
विधानससभा की फाइल फोटो


रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। अंडरग्राउंड पाइपलाइन के जरिए तिलैया नहर का पानी स्थानीय लोगों को मिलेगा। इस योजना का डीपीआर यूडीपीएल के तहत तैयार किया रहा है। अंडरग्राउंड पाइपलाइन का उपयोग करने से स्थानीय लोगों से भूमि अधिग्रहण का झंझट नहीं रहेगा।

ग्रामीण अपनी जमीन योजनाओं के लिए नहीं देना चाहते हैं। यह बातें जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि 1948 में डीवीसी का गठन हुआ था, लेकिन उस समय डीवीसी को ही सभी अधिकार दे दिए गए।

उन्होंने बताया कि तिलैया डैम 1953 में बना था और उस समय के शर्तों के मुताबिक डैम के 246 एमटीएम जल का उपयोग झारखंड को करने का अधिकार दिया गया था।

इस मामले को अल्प सूचित प्रश्न के तहत बरकटठा से भाजपा के विधायक अमित कुमार यादव ने उठाया था। उन्होंने सरकार से कोडरमा जिले के तिलैया नहर योजना के निर्माण कार्य के लिए जल्द डीपीआर बनाने की मांग की थी। विधाय‍क ने कहा कि तिलैया नहर योजना का निर्माण कार्य 1950 से ही विचाराधीन है।

इसे लेकर वर्ष 2014-15 में डीपीआर बनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन यह अब तक नहीं बन सका है। उन्होंने कहा कि डीवीसी के सभी डैम झारखंड में बने हैं, लेकिन यह दुखद है कि इन डैमों से सिंचाई का कार्य झारखंड के किसान नहीं कर सकते हैं। डीवीसी के डैम के पानी का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल करता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak