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कोलकाता, 12 दिसंबर (हि.स.)। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से जुड़े पैडघा मॉड्यूल की जांच में गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकातामें बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इस कार्रवाई का मकसद उन लोगों की गतिविधियों की जांच करना है, जिन पर आतंक से जुड़े कामों को बढ़ावा देने, हथियार जुटाने और पैसे का इंतजाम करने का आरोप है।
जांच एजेंसी ने सुबह से देशभर में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पैडघा-बोरीवली इलाके, रत्नागिरी, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कई शहरों के साथ ही कोलकाता स्थित घरों और दफ्तरों में तलाशी ली। मुंबई में छापों के दौरान महाराष्ट्र एटीएस ने सुरक्षा दी, जबकि कोलकाता में केंद्रीय बलों की मदद ली गई।
ईडी ने यह जांच उस मामले के आधार पर शुरू की है, जिसे एनआईए ने पिछले साल दर्ज किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का आरोप है कि कुछ लोग आईएसआईएस की सोच से प्रभावित होकर युवाओं को इस रास्ते पर ले जाने, उन्हें तैयार करने, हथियार और विस्फोटक जुटाने और इसके लिए पैसे इकट्ठा करने में जुटे थे।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में 21 लोगों के नाम दिए हैं जिन पर देश में हिंसा फैलाने और लोकतांत्रिक माहौल को तहस–नहस करने की साजिश का आरोप है। जांच में यह भी सामने आया कि इन लोगों ने ठाणे के पैडघा गांव को कथित तौर पर ‘अल–शाम’ नाम देकर अपना अड्डा बनाया था और युवाओं को वहां आने के लिए उकसाया जाता था।
जांच एजेंसियों ने यह भी बताया कि आरोपित एक दूसरे मामले में गिरफ्तार शहनवाज आलम से जुड़े हुए थे, जो कई पहले के आतंकी मामलों में आरोपित रह चुका है। इस पूरे नेटवर्क को संभालने वाला साकीब अब्दुल हमीद नाचन नाम का व्यक्ति था, जिसकी मौत इस साल जून में दिल्ली में हुई थी।
ईडी को महाराष्ट्र एटीएस से यह जानकारी भी मिली है कि कुछ लोग खैर की लकड़ी की तस्करी से जो पैसा कमाते थे, उसका इस्तेमाल भी कट्टरपंथी गतिविधियों में किया जा रहा था।
मामले की जांच जारी है और एजेंसी कई जगह से मिले दस्तावेजाें और डिजिटल सामग्री की जांच कर रही है।------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर