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रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन में गुरुवार को रांची समय पूरे राज्य में आदिवासी जमीन को सादा पट्टा में बेचने का मामला कांग्रेस के विधायक राजेश कच्छप ने उठाया। इस पर प्रभारी मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि इस मामले पर राज्य सरकार गंभीर है। ऐसे मामले पर सरकार अविलंब कार्रवाई करेगी।
विधायक ने गैर संकल्प के तहत सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के आदिवासी मूलवासियों की जमीन की सुरक्षा के लिए ही छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी) 1908 लागू हुआ था। लेकिन 118 साल बीतने के बावजूद आदिवासी मूलवासियों की जमीन लूट, जमीन के नेचर से छेड़छाड़, जमीन को सामान्य बनाने के मामले, रिकॉर्ड ऑफ राइट के संरक्षित स्थल अभिलेखागार से रिकॉर्ड गायब करने और रिकॉर्ड फाड़ देने जैसे काम धड़ल्ले से हो रहे हैं।
इन्हीं कारणों से जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में बड़ी संख्या में आदिवासी जमीनों को सादा पट्टा में लिखकर बेचने का कार्य बदस्तूर जारी है। इसपर रोक लगनी चाहिए। नहीं तो आने वाले समय में आदिवासी मूलवासी पूरी तरह अपने ही जमीन से बेदखल हो जाएंगे जो बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि एचईसी में भी कई तरह के ऐसे मामले सामने आए हैं। ऐसे में सादा पट्टा से जमीन बेचने की खिलवाड़ को रोकने की दिशा में सरकार को अहम भूमिका निभानी चाहिए। राजेश कश्यप ने कहा कि मामले में खासकर कई हल्का कर्मचारी, थाने की सांठगांठ से सरना स्थल, खूंटकटी भूईंहरी जमीन को बेच देते हैं। उपायुक्त जो मामले के कस्टोडियन हैं उन्हें ऐसे मामले पर हस्ताक्षेप करना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar