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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। इस मौके पर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा गया है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए उम्मीद पोर्टल पर आने वाली तमाम तरह की परेशानियों का जिक्र किया गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उम्मीद पोर्टल पर आने वाली दिक्कतों की वजह से लाखों वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण नहीं हो पाया है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की सारी जिम्मेदारी राज्य वक्फ बोर्डों को पूरी करनी चाहिए थी, इसके लिए कम से कम 2 वर्ष का समय दिया जाना चाहिए था।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से सभी वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए कम से कम एक वर्ष की समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वक्फ संशोधन कानून के आने के बाद बनाए गए उम्मीद पोर्टल की वजह से अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त है और मुसलमानों में इसको लेकर के काफी बेचैनी पाई जा रही है। मंत्री को बताया गया कि निर्धारित समय सीमा जो कि 6 महीने की थी, वह काफी कम थी। इतने कम समय में इतनी बड़ी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन किया जाना किसी भी तरह से संभव था। दूसरे पोर्टल पर संपत्तियों का विवरण डालने में कई तरह की कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा है। पोर्टल की सुस्त रफ्तारी आदि की समस्या को देखते हुए समय बढाने की जरूरत है।
मुलाकात के दौरान मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को बड़ी गंभीरता से सुना। उन्हें आश्वासन दिया कि शीघ्र ही उम्मीद पोर्टल पर आने वाली तमाम तरह की कठिनाइयों और दिक्कतों का समाधान ढूंढ लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में बोर्ड उपाध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी, महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजदद्दी, कार्यकारी सदस्य एवं सांसद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब, जमीअत उलमा-ए-हिंद महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, बोर्ड सदस्य फुजैल अहमद अय्यूबी एडवोकेट, मोहम्मद ताहिर एडवोकेट, सुश्री नबीला जमील एडवोकेट आदि शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ मोहम्मद ओवैसस
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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद