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-एनसीआर में 3650 व अन्य जिलों में 5475 दिन चलने की मिले अनुमति : कुलभूषण शर्मा
चंडीगढ़, 10 दिसंबर (हि.स.)। फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने सरकार से स्कूल बस पॉलिसी में बदलाव करने की मांग की है। वर्तमान में एनसीआर रीजन में बसों की आयु 10 वर्ष और अन्य जिलों में 15 वर्ष तय है, जबकि यह मानक सामान्य वाणिज्यिक वाहनों के बराबर रखा गया है।
कुलभूषण शर्मा ने बुधवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में कहा कि वाणिज्यिक वाहन पूरे वर्ष 365 दिन, पूरे प्रदेश व अन्य राज्यों में भी चलते हैं, जबकि स्कूल बसें केवल 200-220 दिन सीमित मार्गों पर चलती हैं। इसलिए दोनों को समान मानक पर रखना तर्कसंगत नहीं है। यदि सरकार 10 वर्ष के वाहन को लगभग 3,650 दिन सडक़ पर चलने की अनुमति देती है, तो स्कूल बसों को भी उपयोग-आधारित इसी अवधि तक चलने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसी प्रकार एनसीआर से बाहर 15 वर्ष के मानक वाले क्षेत्रों में बसों के 5,475 दिन उपयोग के आधार पर नीति बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूल बसें किसी प्रकार की कमर्शियल गतिविधि या व्यावसायिक उद्देश्य का साधन नहीं हैं, बल्कि विद्यार्थियों को सुरक्षित रूप से स्कूल तक पहुँचाने का एक आवश्यक और अनिवार्य साधन हैं। नई शिक्षा नीति के कारण दूरदराज़ क्षेत्रों में खुले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पूरी तरह स्कूल बसों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि बजट स्कूल न्यूनतम फीस में परिवहन सुविधा देते हैं। यदि बसों की आयु कम कर दी जाती है, तो नई बसें खरीदने का भार सीधे अभिभावकों पर पड़ेगा और इसका प्रभाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी पड़ेगा।
शर्मा ने हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज से आग्रह किया कि इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर नीति बनाई जाए तथा इस विषय पर एक विस्तृत बैठक आयोजित की जाए ताकि स्कूलों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के हितों को प्राथमिकता देते हुए एक तर्कसंगत समाधान निकाला जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा