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पड़ोसी ने किडनी बेचने के लिए किया था अपहरण, हत्या से पहले मांगी फिरौती
जोधपुर, 10 दिसम्बर (हि.स.)। जोधपुर महानगर के अपर सेशन न्यायालय संख्या 7 ने चार साल पुराने एक मासूम की हत्या के मामले में फैसला सुनाते आरोपित को उम्रकैद व 1 लाख 30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपित पड़ोसी युवक ने दस लाख की फिरौती और किडनी बेचने के इरादे से सात साल के मासूम की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
घटना 15 मार्च 2021 की है। जोधपुर के भीतरी शहर कुम्हारिया कुआं, जटियों की गली निवासी बंशीलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनका सात साल का बेटा हिमांशु घर के बाहर खेलते हुए गायब हो गया। दो दिन बाद 17 मार्च को पुलिस को पोलो ग्राउंड के पास आईजी बंगले के पास सूखे नाले में एक प्लास्टिक के कट्टे में बच्चे की लाश मिली। एडवोकेट गोकुलेश बोहरा ने बताया कि अपहरण के बाद परिवार और मिलने वालों के पास अनजान नंबर से फोन आने लगे और वॉट्सऐप में फिरौती मांगी गई।
पुलिस ने उन नंबरों को ट्रेस करने की कोशिश जारी रखी। बाद में यह जानकारी मिली कि पोलो ग्राउंड के पास एक कट्टे में बच्चे की लाश मिली है। जो हिमांशु की ही थी। उसका अंतिम संस्कार करने के बाद पुलिस ने अपनी जांच की तथा वॉट्सऐप के मैसेजों की जांच पड़ताल की। इनमें पता चला कि उसी मोहल्ले में रहने वाला किशन गोपाल सोनी ही उसे अगवाकर ले गया था। उसी के द्वारा फिरौती मांगी गई और बच्चे को बेरहमी से मार डाला। पुलिस ने जांच पूरी कर साक्ष्यों के साथ चालान पेश किया। अभियोजन की ओर से लगभग 35 गवाह पेश किए गए।
आरोपित ने अपनी पहचान छिपाने के लिए 'हस्ड ऐप' खरीदा और उससे एक वर्चुअल इंटरनेशनल नंबर (+1 205...) जनरेट किया। इसी नंबर से उसने मृतक के दादा ओमप्रकाश और पड़ोसी मुकेश को व्हाट्सएप मैसेज कर 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी। आरोपित मैसेज में लिखा था- 18 मार्च को तेरे पोते का ऑपरेशन किया जा रहा है, जिसमें उसकी किडनी और दिल निकाल लिया जाएगा... अगर होशियारी की तो दिल्ली से सीधे ईरान में और परसों हिमांशु का ऑपरेशन फिर ले जाना लाश।
यूट्यूब सर्च हिस्ट्री: पुलिस को आरोपित के मोबाइल की सर्च हिस्ट्री में इंडिया से किडनी बेचने का आसान तरीका, किडनी बेचने के लिए कहां संपर्क करें और फेक व्हाट्सएप अकाउंट कैसे बनाएं जैसे वीडियो मिले।
कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की कड़ी जोड़ते हुए आरोपित को दोषी माना। मृतक बच्चे की जैकेट पर एक बाल मिला था। एफएसएल रिपोर्ट में इस बाल का डीएनए आरोपित किशन गोपाल के ब्लड सैंपल से मैच हो गया। जिस मनमोहक ब्रांड के आटे के कट्टे में बच्चे की लाश मिली थी, उसी ब्रांड और बैच का खाली कट्टा आरोपित के घर से बरामद हुआ। आरोपित 15 मार्च को शाम 4:35 बजे बाइक पर हरे रंग का थैला (जिसमें लाश थी) ले जाते हुए और करीब एक घंटे बाद खाली हाथ लौटते हुए सीसीटीवी में कैद हुआ था।
पीठासीन अधिकारी नरेंद्र कुमार ने आरोपी किशन गोपाल सोनी को दोषी मानते हुए अपने फैसले में इसे विकृत मानसिकता वाला अपराध करार दिया है। कोर्ट ने कहा, अभियुक्त ने 7 वर्षीय अबोध बालक, जो अपनी प्रतिरक्षा करने में भी असमर्थ था, का फिरौती के लिए अपहरण कर गला दबाकर हत्या कर दी। कोर्ट ने आरोपित किशन गोपाल सोनी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 364-क (फिरौती के लिए अपहरण), 363, 368 और 201 (साक्ष्य मिटाना) के तहत दोषी माना।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश