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धमतरी, 10 दिसंबर (हि.स.)। शीत ऋृतु में भी सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं। शहर के बाजारों में हरी सब्जियों की भरपूर आवक के बावजूद दामों में कोई राहत नहीं मिल रही है। बढ़ती मांग और ग्राहकों की लगातार बढ़ती भीड़ के कारण सब्जियों के दाम रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, जिससे रसोई का बजट प्रभावित हो रहा है। उपभोक्ता बढ़ती महंगाई को लेकर चिंतित हैं।
आमतौर पर साल के 12 महीनों में शीत ऋृतु में सब्जियां सस्ती होती हैं, लेकिन इस साल सब्जियों के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे। सब्जी व्यवसायी राजकुमार सोनकर, सुरेश साहू, हेमंत पटेल, रामसेवक पटेल और धनीराम सोनकर ने बताया कि खेतों में इस बार सब्जियों की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन मंडियों में भारी खरीदारी के चलते कीमतें कम होने की बजाय और बढ़ने लगी हैं। जानकारी के अनुसार इतवारी बाजार, गोल बाजार, रामबाग बाजार, सिहावा चौक में लगने वाले बाजार में सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं। बाजार में मुनगा 200 रुपये प्रति किलो, ग्वारफली, भिंडी, धनिया और ढेस 100 रुपये प्रति किलो, मिर्च, कोचई, शिमला मिर्च, कटहल और सेमी 60 रुपये प्रति किलो, गाजर, कुंदरू, बरबट्टी, करेला, गोभी, तोरई, गिल्की 50 रुपये किलो इसी तरह से टमाटर, भटा पत्तागोभी 40 रुपये किलो, कद्दू और केला 30 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है। शीत ऋृतु हरी सब्जियों के दाम में बढ़ते दामों के चलते कई उपभोक्ता महंगी सब्जियां खरीदने से परहेज कर रहे हैं। गृहणी रामबाई साहू, वंदना देवांगन, सुलोचना बाई का कहना है कि यदि महंगाई पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में रसोई का खर्च संभालना मुश्किल हो जाएगा। सब्जियों के दाम पर भी नियंत्रण होना चाहिए।
थोक सब्जी विक्रेता कैलाश यादव, विनोद चुगानी ने बताया कि धमतरी में स्थानीय आवक के अलावा रायपुर, दुर्ग, कांकेर से सब्जियों की आवक होती है। बीते कुछ महीनों में बेमौसम वर्षा होने के कारण सब्जियों के उत्पादन पर असर पड़ा। इसके चलते आशानुरूप स्थानीय उत्पादकों को उत्पादन नहीं मिल पा रहा है। अधिक ठंड से भी तैयार हो रही फसल को नुकसान पहुंच रहा है। बहरहाल धमतरी से बाहर से आवक हो रही है। लेट से लगाई गई फसलों की आवक बढ़ने के बाद सब्जियों की कीमत में कमी आएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा