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मऊ, 10 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में जनपद मऊ के जिला अस्पताल में एंबुलेस न मिलने पर बुधवार को रेबीज पीड़ित मरीज की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। जबकि अस्पताल परिसर में 50 मीटर के दायरे में ही तीन एंबुलेंस खड़ी थी।
जनपद निवासी हरेंद्र और शीला अपने 12 साल के बच्चे जीउत को तीन हफ्ते पहले स्कूल जाते समय एक कुत्ते ने काट लिया, जिससे वह रेबीज संक्रमित हो गया था। बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों ने बच्चे के रैबीज से संक्रमित होने की पुष्टि करते हुए वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि रेफर करने के बाद एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर कॉल करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं आयी। जबकि उनका कहना था कि अस्पताल के इमरजेंसी के सामने ही कुछ दूरी पर तीन एंबुलेंस खड़ी थी। एंबुलेंस के अभाव में सही समय पर इलाज न मिलने पर उनके बेटे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई है।
इस घटना का जैसे ही मामला मीडिया और सोशल मीडिया में आया तो जिला अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे। आनन फानन में जांच कमेटी बना दी गई। सीएमओ डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि यह एक गंभीर विषय हैं, जिसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके ऊपर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर आर एन सिंह के निर्देश पर एक जांच कमेटी बनायी।-------------
हिन्दुस्थान समाचार / वेद नारायण मिश्र