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नैनीताल, 10 दिसंबर (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने रोजगारोन्मुखी शिक्षा को मजबूत बनाने और विद्यार्थियों को उद्योग जगत से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के साथ आज एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इसके तहत विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना शुरू की जा रही है, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की राष्ट्रीय स्तर की प्रमुख पहल है। देशभर से चुनी गई 25 उच्च शिक्षण संस्थाओं में कुमाऊं विश्वविद्यालय का चयन होना उसकी शैक्षणिक गुणवत्ता और उद्योग-अकादमिक सहयोग क्षमता का परिचायक है।
कुलपति प्रो. दीवान रावत ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्योग के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर जॉब-रेडी बनाना है। सीआईआई की सहयोगी टीम डीएसबी परिसर में तैनात होकर करियर परामर्श, उद्योग जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण, मोटिवेशनल कार्यक्रम और कंपनियों से जोड़ने का कार्य करेगी। इससे छात्रों को वास्तविक कार्यदृसंस्कृति और उद्योग वातावरण की समझ विकसित होगी।
प्रो. रावत ने कहा कि यह सुविधा केवल तकनीकी और व्यावसायिक विषयों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि कला, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी के विद्यार्थियों को भी समान रूप से लाभान्वित करेगी, क्योंकि उद्योग-अकादमिक सहयोग अब सभी क्षेत्रों में अवसर बढ़ा रहा है। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय के लिये उद्योग-अकादमिक संबंधों का नया अध्याय बताते हुए उम्मीद व्यक्त की कि इससे प्रशिक्षण और प्लेसमेंट में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। समारोह में कुलसचिव डॉ. एमएस मंद्रवाल, वित्त नियंत्रक कमलेश भंडारी, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रतिनिधि वैभव दधीच और वैभव गुप्ता सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी